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शेख हसीना के खिलाफ आज आएगा कोर्ट का फैसला, प्रदर्शनकारियों को गोली मारने का आदेश

ढाका। बांग्लादेश में आज हाई अलर्ट है। दरअसल बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना पर सामूहिक हत्याओं के आरोपों (मानवता विरोधी अपराधों का मामला) पर अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण आज फैसला सुनाएगा। फैसले से ठीक एक दिन पहले शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने आज देशव्यापी ‘पूर्ण बंद’ का आह्वान किया है।

वहीं फैसले से पहले राजधानी ढाका से लेकर कई जिलों में हिंसक झड़पें, आगजनी, सड़क जाम और धमाकों की घटनाएं हुईं. जिसकी वजह से पूरे देश में असुरक्षा का माहौल बन गया है। बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने हिंसा करने वालों को गोली मारने का आदेश दिया है।

बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर फैसले से एक दिन पहले रविवार को ही बांग्लादेश के कई हिस्सों में उग्र प्रदर्शन शुरू हो गए। हालात को बिगड़ता हुआ देखकर सरकार ने पुलिस के साथ सेना और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को भी तैनात कर दिया है।

इस बीच, शेख हसीना ने पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक भावनात्मक ऑडियो संदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश में सड़क पर आंदोलन को और तेज करने का आह्वान किया है। हसीना ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि वे घबराएं नहीं। अभियोजन पक्ष ने रविवार को शेख हसीना के लिए मौत की सजा की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि मुझे परवाह नहीं है, अल्लाह ने मुझे जीवन दिया है और एक दिन मेरी मौत आएगी, लेकिन मैं देश के लोगों के लिए काम कर रही हूं और ऐसा करना जारी रखूंगी। अपदस्थ प्रधानमंत्री ने सामूहिक हत्याओं के आरोपों से इनकार किया और अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस पर जिम्मेदारी डालते हुए कहा कि उन्होंने स्वयं कहा था कि उन्होंने एक सुनियोजित योजना के तहत मेरी सरकार को अपदस्थ किया था।

उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के अनुच्छेद 7 (बी) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अगर कोई निर्वाचित प्रतिनिधियों को बलपूर्वक सत्ता से हटाता है, तो उसे दंडित किया जाएगा। यूनुस ने यही (मुझे बलपूर्वक सत्ता से हटाया) किया। हसीना ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप लगाने वाले अभियोजक पूरी तरह से झूठे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई अदालत में झूठी शिकायत करता है, तो उस पर कानून के तहत मुकदमा चलता है और एक दिन ऐसा होगा ही।

शेख हसीना, उनके गृह मंत्री असद-उज-जमां खान कमाल और तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर पिछले वर्ष सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराध करने का आरोप है। इनमें हत्या, हत्या की कोशिश, प्रताड़ित करना और अन्य अमानवीय कृत्य शामिल हैं। न्यायाधिकरण ने 10 जुलाई को तीनों के खिलाफ आरोप तय किए थे।

बांग्लादेश का अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) सोमवार को 78 वर्षीय शेख हसीना के खिलाफ फैसला सुनाएगा। इस मामले की सुनवाई उनके गैर हाजिर रहने के दौरान हुई। आईसीटी-बीडी के अभियोजक गाजी एमएच तमीम ने कहा कि हमने शेख हसीना के लिए यथासंभव अधिकतम सजा की मांग की है। इसके अलावा, हमने दोषी की संपत्ति जब्त करने और उसे (पिछले साल के प्रदर्शन के दौरान) शहीदों और घायलों के परिवारों में वितरित करने का अनुरोध किया है।

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