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नहीं रहे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, 92 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन हो गया है। 92 साल की उम्र में उन्होंने गुरुवार रात दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली में मोतीलाल नेहरु रोड स्थित उनके आवास पर रखा गया है। आज उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। पूर्व पीएम के निधन पर केंद्र सरकार ने सात दिनों के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है। आज सुबह 11 बजे केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होगी, जिसमें पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी जाएगी। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। 1991 में बतौर वित्त मंत्री उन्होंने देश में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाया। डॉ. मनमोहन सिंह शांत और सरल स्वभाव के लिए जाने जाते हैं, जिसके कारण उन्हें उनके राजनीतिक विरोधी भी उनका सम्मान करते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में वह भारतीय योजना आयोग के प्रमुख के रूप में 1985 से 1987 तक कार्य किया। इसके साथ ही, वह 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर भी रहे, जहां उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधार किए, जिन्हें आज भी याद किया जाता है।

आर्थिक सुधारों के क्षेत्र में डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण था। 1991 में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण से जुड़े कई फैसले किए, जिनसे देश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिली। इसके साथ ही, उन्हें कई प्रमुख सम्मान मिले, जिनमें 1987 में पद्म विभूषण, 1993 में एशिया मनी अवार्ड, 1995 में जवाहरलाल नेहरू बर्थ सेंटेनरी अवॉर्ड सहित अन्य कई पुरस्कार शामिल हैं। उन्हें कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों से मानद उपाधियां भी मिली।

पीएम मोदी ने भी जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कहा, देश अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक मना रहा है। साधारण परिवार से उठकर वह एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने। उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीति पर एक मजबूत छाप छोड़ी। संसद में उनका हस्तक्षेप भी व्यावहारिक था। हमारे प्रधान मंत्री के रूप में, उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।

 

 

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