मध्यप्रदेशमध्यप्रदेश जनसंपर्कराज्य

केन्द्रीय मंत्रि-परिषद ने मुंबई-इंदौर के बीच 309 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी

यह रेल परियोजना महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के उन जिलों को जोड़ेगी, जो अबतक रेल मार्ग से नहीं जुड़े
महाराष्ट्र के 2 और मध्यप्रदेश के 4 जिले होंगे शामिल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री श्री मोदी का माना आभार

भोपाल। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रि-मंडलीय समिति (सीसीईए) ने आज रेल मंत्रालय के तहत लगभग 18 हजार 36 करोड़ रुपये की लागत वाली नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी है। इंदौर और मनमाड़ के बीच प्रस्तावित यह नई रेल लाइन सीधा सम्पर्क प्रदान करेगी। यह परियोजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की नए भारत की कल्पना के अनुरूप है, जो क्षेत्र के व्यापक विकास के साथ ही लोगों को “आत्म-निर्भर” बनाएगी। यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम है, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुआ है और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध सम्पर्क प्रदान करेगा। परियोजना महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के 6 जिलों को कवर करेगी, जिससे भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 309 किलोमीटर की वृद्धि होगी। परियोजना के साथ 30 नए स्टेशन भी बनाए जाएंगे, जिससे मध्यप्रदेश के आकांक्षी जिले बड़वानी को बेहतर सम्पर्क मिलेगा। नई रेलवे लाइन परियोजना से लगभग 1 हजार गांवों और लगभग 30 लाख आबादी को सीधा लाभ मिलेगा। मध्यप्रदेश के विकास को और गति देने वाली इस नई रेलवे लाइन परियोजना की मंजूरी के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का हृदय से आभार व्यक्त किया है।

परियोजना देश के पश्चिमी दक्षिण-पश्चिमी हिस्से को मध्य भारत से जोड़ने वाला छोटा रास्ता उपलब्ध कराकर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी। इससे श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सहित उज्जैन-इंदौर क्षेत्र के विभिन्न पर्यटन/धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। परियोजना से पीथमपुर ऑटो क्लस्टर (90 बड़ी इकाइयां और 700 छोटे और मध्यम उद्योग) को जेएनपीए के गेटवे पोर्ट और अन्य राज्य बंदरगाहों से सीधा सम्पर्क मिलेगा। परियोजना मध्यप्रदेश के बाजरा उत्पादक जिलों और महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक जिलों को भी सीधा सम्पर्क प्रदान करेगी, जिससे देश के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में इसके वितरण में सुविधा होगी।

कृषि उत्पादों, उर्वरक, कंटेनर, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, पीओएल के परिवहन के लिए यह एक आवश्यक मार्ग है। क्षमता वृद्धि कार्य के परिणामस्वरूप लगभग 26 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। रेलवे पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (18 करोड़ लीटर) को कम करने और कार्बनडाइक्साइड उत्सर्जन (138 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद करेगा जो साढ़े 5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button