मध्यप्रदेशमध्यप्रदेश जनसंपर्कराज्य

कृष्ण को योगेश्वर श्रीकृष्ण की पहचान देने वाले चारों धाम है मध्यप्रदेश में – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भगवान श्रीकृष्ण ने सांदीपनि आश्रम से शिक्षा, नारायाणा से मित्रता, अमझेरा से वीरता और जानापाव से विनम्रता का दिया संदेश
प्रदेश में जहां-जहां भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े उन स्थानों को तीर्थ के रूप में किया जाएगा विकसित
मुख्यमंत्री ने जन्माष्टमी पर्व पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश, भगवान श्रीकृष्ण और भगवान श्रीराम के वास से प्रेरित और पावन भूमि है। हमारा सौभाग्य है भगवान श्रीकृष्ण, कंस वध के बाद उज्जैन के सांदीपनि आश्रम से शिक्षा ग्रहण करते हैं और जीवन में श्रीकृष्ण के रूप में दुनिया में जाने जाते हैं। ये मध्यप्रदेश का सौभाग्य है कि नारायणा में भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता हुई। भगवान ने परम मित्रता का संदेश देते हुए बताया कि मित्रता में गरीब-अमीर का अंतर नहीं होता। धार के पास अमझेरा में वीरता के बल पर रुक्मणी हरण में भगवान ने रुक्मी को हाराया। इंदौर के पास जानापाव में विनम्रता और श्रद्धा से भगवान श्रीकृष्ण ने परशुराम जी से सुदर्शन चक्र प्राप्त किया। मध्यप्रदेश के यह चारों धाम भगवान श्रीकृष्ण के उस इतिहास को जीवंत करते हैं, जिसके आधार पर श्रीकृष्ण की लीला विश्व में योगेश्वर श्रीकृष्ण के रूप में पहचानी गई।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जन्माष्टमी के अवसर पर हम सब मिलकर प्रदेश के इन स्थानों का स्मरण करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां-जहां भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े हैं उन सभी स्थानों को राज्य सरकार ने तीर्थ के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जन्माष्टमी पर्व पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं और बधाई देते हुए कहा कि प्रयास यह हो कि आधुनिक समय में भगवान श्रीकृष्ण के इतिहास को जीवंत करते हुए, हम उनकी मित्रता, वीरता, विनम्रता और शिक्षा ग्रहण करने के संदेश को जन-जन तक पहुंचाएं और उसे आत्मसात करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button