कोविशील्ड वैक्सीन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जांच के लिए पैनल गठित करने की मांग

May 1, 2024 - 21:36
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कोविशील्ड वैक्सीन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जांच के लिए पैनल गठित करने की मांग

नई दिल्ली। कोविशील्ड वैक्सीन के दुष्प्रभावों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई, जिसमें कोविशील्ड वैक्सीन के दुष्प्रभावों से जुड़े जोखिमों का आकलन करने के लिए एक विशेषज्ञ चिकित्सा पैनल के गठन की मांग की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि भारत में कोविशील्ड की 175 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। कोविड-19 के बाद दिल का दौरा पड़ने और अचानक बेहोश होने से होने वाली मौतों में बढ़ोतरी हुई है।

युवाओं में भी हार्ट अटैक पड़ने के कई मामले सामने आए हैं। अब कोविशील्ड के डेवलपर की ओर से यूके की अदालत में दायर किए गए दस्तावेज के बाद, हम कोविशील्ड वैक्सीन के जोखिम और खतरनाक परिणामों पर सोचने के लिए मजबूर हैं। जो बड़ी संख्या में नागरिकों को दी गई है।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि वैक्सीन विकसित करने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि उसकी कोविड-19 के विरुद्ध AZD1222 वैक्सीन कम प्लेटलेट काउंट और दुर्लभ मामलों में रक्त के थक्कों के जमने का कारण बन सकती है। इस वैक्सीन को भारत में कोविशील्ड के रूप में लाइसेंस के तहत बनाया गया था।

उच्चतम न्यायालय में दी गई याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में एक समिति गठित की जाए और कोविशील्ट के दुष्प्रभावों की जांच की जाए। साथ ही अर्जी में कहा गया कि समिति में एम्स, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, दिल्ली निदेशक और एक्सपर्ट को सदस्य के तौर पर शामिल किया जाए।

अधिवक्ता ने केंद्र से उन नागरिकों या परिवारों के लिए एक वैक्सीन क्षति भुगतान प्रणाली स्थापित करने के निर्देश देने की मांग की। जिन्हें टीका लेने के बाद दुर्बल स्वास्थ्य संबंधी झटके या यहां तक ​​कि मौत का सामना करना पड़ा है।

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