Delhi water crisis: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, हिमाचल को दिया अधिक पानी छोड़ने का आदेश
नई दिल्ली। पानी की किल्लत से जूझ रहे दिल्ली के लोगों के लिए राहत की खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया है, ताकि देश की राजधानी में पेयजल संकट को कम किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश ने अतिरिक्त पानी छोड़ने पर सहमति जताई है। वहीं, हरियाणा की सरकार से कहा है कि वह वजीराबाद बैराज के जरिए दिल्ली तक पानी छोड़ने में मदद करे।
दरअसल, गुरुवार को दिल्ली मे पानी के बढ़ते संकट को लेकर दाखिल दिल्ली सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई हुई। कोर्ट ने ये भी कहा कि दिल्ली में किसी भी तरह से पानी की बरबादी न हो इस बात का ध्यान रखा जाए।
मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस विश्वनाथन और जस्टिस प्रशांत मिश्रा की बेंच ने कहा कि यह पानी के लाने के लिए एक रास्ते के अधिकार का मामला है। हमे इतने गंभीर मुद्दे पर ध्यान देना होगा। हिमाचल 150 क्यूसेक पानी दे रहा है, तो आप (हरियाणा) इसे पास होने दें। अगर जरूरत पड़ी तो हम मुख्य सचिव से बात करेंगे। दिल्ली सरकार की तरफ से सिंघवी ने कहा कि मीटिंग हुई हिमांचल पानी देने को तैयार है लेकिन हरियाणा ने कोई जवाब नहीं दिया।
मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपर यमुना रिवर बोर्ड के सभी सदस्य इस बात पर सहमत थे कि दोनों राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है और दोनों को पानी की जरूरत है। हिमाचल प्रदेश 5 जून को हुई मीटिंग में शामिल था। हिमाचल प्रदेश ने कहा कि जो अतिरिक्त पानी है। वो इस पानी को दिल्ली के साथ साझा करना चाहता है। इसलिए हम 137 क्यूसेक पानी हिमाचल को जारी करने का आदेश देते हैं। कोर्ट ने कहा कि यमुना रिवर फ्रंट बोर्ड इस बात का ध्यान देगा कि कितना पानी आया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
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