22 देशों के 80 शहरों में इंदौर के नाम से होगा वृक्षारोपण, प्रदेश के अप्रवासी शहर में बनाएंगे एनआरआई वन

Jun 26, 2024 - 20:11
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22 देशों के 80 शहरों में इंदौर के नाम से होगा वृक्षारोपण, प्रदेश के अप्रवासी शहर में बनाएंगे एनआरआई वन

लंदन से लेकर दुबई तक प्रदेश के एनआरआई इंदौर के नाम से करेंगे वृक्षारोपण, हार्वर्ड और बोस्टन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में इंदौर वृक्षारोपण पर हो सकती है केस स्टडी

इंदौर- इंदौर को हरियाली की चादर उड़ाने का संकल्प धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा है. एक पेड़ मां के नाम की माननीय मंत्री श्री कैलाशजी विजयवर्गीय की मुहिम विश्वव्यापी हो गई है और 51 लाख पेड़ों की इस महाअभियान में अब प्रदेश के एनआरआई भी उत्साह और उमंग के साथ बढ़-चढकर हिस्सा ले रहे हैं. विदेशों से कई लोगों ने अपने परिवार के साथ इंदौर में इस अवसर पर आने का वादा किया है और कुछ एनआरआई इस मौके पर लंदन, न्युयार्क, दुबई जैसे बड़े शहरों में इंदौर के नाम से वृक्षारोपण करेंगे. इंदौर में इतने बड़े पैमाने होने वाले वृक्षारोपण पर  हार्वर्ड और बोस्टन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में  केस स्टडी भी हो सकती है.

विवेकानंद गार्डन में होगा 10 हजार पौधों का रोपण 

51 लाख वृक्षों के महाअभियान के तहत 23 जून को नगरीय प्रशासन मंत्री श्री कैलाशजी विजयवर्गीय ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये विदेश में रह रहे प्रदेश के एनआरआई से चर्चा की. वीडियो कांफ्रेंसिंग में मंत्री श्री कैलाशजी विजयवर्गीय के साथ  22 देशों के 100 से ज्यादा एनआऱआई और प्रसिद्ध पारिस्थितिकीविद् और संरक्षण जीवविज्ञानी श्री कमलजीत सिंहजी बावा थे. नीदरलैंड, यूके, यूएसए, जर्मनी, दुबई आदि देशों के एनआरआई ने कहा कि वे इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए इंदौर परिवार सहित आएंगे. इंदौर शहर का रिश्ता अब एनआरआई से वृक्षों के माध्यम से और मजबूत होगा और शहर में देश का दूसरा ग्लोबल एनआऱआई गार्डन बनाया जाएगा. अपनी जड़ों से जुड़ते हुए फ्रेंड्स ऑफ एमपी संगठन के शिकागों के सदस्य विवेकानंद वन में 10 हजार पौधों का रोपण कर अपने स्नेह के रिश्तों की डोर को और मजबूत करेंगे. अपनी मिट्टी से लगाव के कारण इस वृक्षारोपण का खर्च भी ये एनआरआई उठाएंगे. अपने पूर्वजों की स्मृति को चिरस्थाई बनाने के लिए एनआरआई पितृ पर्वत की तर्ज पर पूर्वजों की याद में भी वृक्षारोपण करना चाहते हैं. श्री कैलाशजी विजयवर्गीय की वृक्षारोपण की सुनियोजित योजना और इस काम के प्रति उनके जुनून को देखते हुए अफ्रीका के FOMP ग्रुप ने उनको वनीकरण के संबंध में मार्गदर्शन के लिए आमंत्रित किया है.  इस अवसर पर लंदन से सीए मयूरी चौराड़िया ने भी हरसंभव सहयोग का वादा किया है.

श्री कमलजीत सिंहजी बावा ने दिए वृक्षारोपण को सफल बनाने के गुर

इस अवसर पर बैंगलुरु से प्रसिद्ध पारिस्थितिकीविद् श्री कमलजीत सिंहजी बावा भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे.  श्री कमलजीत सिंहजी बावा ने चर्चा के दौरान इस बात पर बल दिया कि इंदौर की जलवायु के अनुकूल पौधों का रोपण किया जाए और वृक्षारोपण के पश्चात पौधों के जीवित रहने के साथ उनकी ग्रोथ को लेकर उन्होंने सुझाव दिए. 85 साल के श्री कमलजीत सिंहजी बावा पर्यावरण संरक्षण के मामले में दुनियाभर में पहचाने जाते हैं. हिमालय से लेकर मालवा तक के वनों पर उन्होंने गहन स्टडी की है. श्री कमलजीत सिंहजी बावा ने पंजाब विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की है और हार्वर्ड विश्वविद्यालय में बुलार्ड और कैबोट फेलोशिप प्राप्त की है, और उन्हें संरक्षण और पर्यावरण में गुगेनहाइम फेलो और प्यू स्कॉलर भी नामित किया गया है. श्री कमलजीत सिंहजी बावा बैंगलुरु स्थित अशोक ट्रस्ट फॉर रिसर्च इन इकोलॉजी एंड एनवायरनमेंट (ATREE) के संस्थापक-अध्यक्ष हैं. उनको अनेक प्रतिष्ठित अवार्ड अभी तक मिल चुके हैं. पर्यावरण संरक्षण के लिए  प्यू पुरस्कार, स्थायित्व विज्ञान के लिए गननेरस पुरस्कार, जैवविविधता के लिए अंतर्राष्ट्रीय मिडोरी पुरस्कार, लंदन की लिनियन सोसायटी का लिनियन पदक तथा  कृषि के लिए एम.एस. स्वामीनाथन पुरस्कार जैसे कई पुरुस्कार श्री कमलजीत सिंहजी बावा को अब तक मिल चुके हैं. पर्यावरण को लेकर उनके अभी तक 230 से अधिक शोधपत्र और 10 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं.

फ्रेंडस ऑफ एमपी का मिला सहयोग

इस कार्यक्रम का आयोजक मध्य प्रदेश के अप्रवासियों के संगठन  फ्रेंड्स ऑफ एमपी ने किया था. फ्रेंड्स ऑफ एमपी के सदस्य दुनियाभर में फैले हुए है. फ्रेंड्स ऑफ एमपी के सदस्य 51 लाख वृक्षारोपण के इस महाअभियान में अपना हरसंभव योगदान दे रहे हैं. इस संगठन के यूरोप और अमेरिका में ऑफिस हैं और एमपी के हितों को लेकर विभिन्न मामलों में यह संगठन सहयोग की भावना रखता है.

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