मध्यप्रदेशराज्य

‘अति विशाल नवरात्रि महामहोत्सव’ का पांचवां दिन…

दुबई… यूएसए और यूके से आए भक्त भी दिनभर रम रहे भक्ति के आनंद में…
आचार्य श्री के आसन के दर्शन कर भी धन्य महसूस कर रहे भक्त
2 अक्टूबर तक वीआईपी परस्पर नगर में होगा पूज्यपाद जगतगुरु श्री श्री 1008 आचार्य वसंत विजयानंद गिरिजी महाराज के सानिध्य में आयोजन

इंदौर। कृष्णगिरी पीठाधीश्वर, पूज्यपाद जगतगुरु श्री श्री 1008 आचार्य वसंत विजयानंद गिरिजी महाराज के सानिध्य में इंदौर में चल रहे ‘अति विशाल नवरात्रि महामहोत्सव’ में न केवल इंदौर और आसपास, बल्कि विदेशों में बसे उनके भक्त भी भक्ति लाभ ले रहे हैं। कोई यहां यूएसए से आए हैं, तो कोई दुबई से सीधी उड़ान लेकर यहां पहुंचे हैं और आयोजन के अंतिम दिन तक आचार्यश्री की सेवा में भक्तिभाव से लीन रहेंगे।

ये भव्य और अद्वितीय धार्मिक आयोजन 2 अक्टूबर तक वीआईपी परस्पर नगर में हो रहा है। शुक्रवार को पांचवें दिन भी सुबह से भक्तों की भीड़ उमड़ी, जो देर रात तक जारी रही। सुबह विशेष साधना के बाद महायज्ञ और फिर देवी भागवत कथा और आचार्यश्री के प्रवचन का श्रवण भक्तों ने किया। कृष्णगिरी पीठाधीश्वर, पूज्यपाद जगतगुरु श्री श्री 1008 आचार्य वसंत विजयानंद गिरिजी महाराज ने बताया कि नवरात्रि के पांचवें दिन माँ स्कंदमाता की आराधना की जाती है। वे भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं, इसलिए इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है। माँ का स्वरूप करुणा, मातृत्व और भक्ति का प्रतीक है। माना जाता है कि मां स्कंदमाता की पूजा से भक्त को संतान सुख, समृद्धि और भक्ति का वरदान प्राप्त होता है, जो साधक माँ की शरण में आता है, उसका जीवन प्रेम, शांति और सुख से परिपूर्ण हो जाता है और माँ का आशीर्वाद साधक को दिव्य तेज, ज्ञान और मुक्ति की ओर अग्रसर करता है। सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक विशेष साधना के बाद काशी से आए 145 विद्वान पंडितों ने 1 करोड़ कुमकुम अर्चन में से 10 लाख कुमकुम अर्चन की आराधना की। दोपहर 3 से 6 बजे तक विशेष महायज्ञ में जाप के साथ 1 लाख विशेष आहुतियां दी गई, जिसमें देश-विदेश से आए अनुयायियों के साथ शहर और आसपास के सैकड़ों की संख्या में महिलाएं-पुरुष शामिल हुए।

गुरु की महिमा ले आई हजारों किलोमीटर दूर से इंदौर :
दुबई से गुरुजी के अनुयायी दीपक जैन भी आए हैं, जो मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि उनकी मां 25 साल से गुरुजी को मानती हैं और वह खुद 20 साल से गुरुजी के अनुयायी है। दीपक ने बताया कि गुरु जी के बारे में बहुत सुना था। मां जब जाने लगी और हम भी गए, तो वहां के मंदिर मात्र दर्शन से ही हमने अपने परिवार में एक बड़ा बदलाव देखा। उसके बाद हमारा छोटा काम बढ़कर 13 देशों में फैला और गुरुजी के ही आशीर्वाद से अब और भी बड़ा होगा। दीपक नवरात्रि के पहले ही दिन से यहां मौजूद है और आखिर दिन तक रहेंगे।

यूएसए के शिकागो के पास से अशोक संघवी भी यहां पहुंचे हैं। मूल रूप से गुजरात के रहने वाले अशोक संघवी की मुलाकात आचार्यश्री से उनके शिकागो के प्रवास के दौरान हुई थी। संघवी, अमेरिका में जैन विधि से पूजन करवाते हैं। वह मां पद्मावती पूजन के लिए कुछ ढूंढ रहे थे और संयोग से आचार्यश्री के वीडियो मिले और फिर उनसे अमेरिका में मिलने का मौका मिला। अब उनका पूरा परिवार आचार्यश्री की सेवा करता है और वह कई बार कृष्णगिरी भी आ चुके हैं। संघवी ने बताया कि जब तक आचार्यश्री का आदेश होगा, तब तक वह यहां रखेंगे, क्योंकि उन्होंने ही याद किया है, इसलिए वह इंदौर पहुंचे हैं।

मंत्री पहुंचे आशीर्वाद लेने :
शुक्रवार को महायज्ञ के दौरान मध्यप्रदेश के पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा, खजराना गणेश मंदिर के पुजारी पंडित सुमित भट्ट भी पहुंचे और आचार्यश्री से आशीर्वाद लिया।

मैय्या तेरी महिमा है निराली, मैय्या मेरी ऊंचे पर्वत वाली…
इंदौर में चल रहे ‘अति विशाल नवरात्रि महामहोत्सव’ में गुरुवार को चौथेे दिन देवी भागवत कथा पंडाल में कृष्णगिरी पीठाधीश्वर, पूज्यपाद जगतगुरु श्री श्री 1008 आचार्य वसंत विजयानंद गिरिजी महाराज की उपस्थिति में मशहूर और विश्व विख्यात ड्रमिस्ट आनंदन शिवमणि और उनकी टीम ने मां के भजनों पर अद्भुत प्रस्तुति देकर भक्तों को मां की भक्ति में लीन कर दिया। शिवमणि की धुनों पर उनकी पत्नी रुना ने मां के भजन सुनाए। रुना ने मनडो लगायो ओ मेरा यार फकीरी में…, मैय्या जब आती है नवरात्रे में…, हालो रे हालो अम्बे रानी… अम्बे रानी ने भेजा सुहाग, सुहागन तेरे लिए…, पंखिड़ा रे उड़ी ने जजे पावागढ़ रे…, बोलो मेरी माई की जय जयकार… और मैय्या तेरी महिमा है निराली, मैय्या मेरी ऊंचे पर्वत वाली… जैसे दिव्य भजन सुनाए, जिसपर कई भक्त झूम उठे। शिवमणि के साथ उनकी बेटी और इंदौर के ही हृदय जैन ने ड्रम पर धुन बजाई। उल्लेखनीय है कि शिवमणि एक भारतीय तालवादक हैं। वे ड्रम, ऑक्टोबन, डारबुका, उडुकाई और कंजीरा के साथ-साथ कई अन्य ताल वाद्य भी बजाते हैं। उनका अपना एक म्यूजिक बैंड भी है। आखिर में शिवमणि ने जय हो… की धुन भी बजाई।

27 सितंबर को आयेंगे लक्खा
27 सितंबर, शनिवार को गायक लखबीर सिंह लक्खा आ रहे है। लक्खा की खासियत है कि वह एक ऑलराउंडर गायक हैं, जहां कई भक्ति गायक केवल एक देवी-देवता के भजनों तक सीमित रहते हैं, वहीं लखबीर ने माता दुर्गा, भगवान शिव, हनुमान, श्रीकृष्ण और खाटू श्याम जैसे सभी देवी-देवताओं के भजनों को अपनी आवाज दी है। उनकी गायकी में एक ताजगी और भक्ति का ऐसा संगम है, जो सुनने वाले को मंत्रमुग्ध कर देता है।

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