अयोध्या राम मंदिर में 25 और मूर्तियां लगेंगी, दिसंबर तक मंदिर निर्माण पूरा करने की कोशिश
रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास की एक बड़ी मूर्ति भी लगाई जाएगी
अयोध्या। अयोध्या के रामलला मंदिर में 25 और मूर्तियां लगेंगी। इसमें श्रीराम दरबार, सप्तऋषि, शेषावतार और कुछ अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं। ये मूर्तियां फर्स्ट फ्लोर पर स्थापित की जाएंगी। रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास की एक बड़ी मूर्ति भी लगाई जाएगी, हालांकि इसका स्थान अभी तय नहीं है। ये जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी। शुक्रवार को उन्होंने बताया- राम मंदिर 221 फीट ऊंचा होगा। मंदिर का मुख्य शिखर 161 फीट ऊंचा होगा। इस पर 50 मीटर ऊंचा ध्वज दंड लगेगा। यह दंड गुजरात से तीन महीने पहले अयोध्या लाया गया है। ट्रस्ट की कोशिश है कि राम मंदिर दिसंबर, 2024 तक बनकर तैयार हो जाए। साथ में पूरे मंदिर परिसर का निर्माण 2025 के अंत तक पूरा कर लिया जाए।
मंदिर निर्माण में अब तक लगे तीन लाख घन फीट पत्थर
चंपत राय के अनुसार, राम मंदिर का निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। निर्माण में अब तक तीन लाख घन फीट पत्थर का इस्तेमाल हो चुका है। करीब सवा लाख घन फीट पत्थर अभी और लगेंगे। मंदिर निर्माण में बरसात से कितनी बाधा आ सकती है, निर्माण तेज करने के लिए कितने मजदूरों की जरूरत पड़ेगी? इस पर आज भवन निर्माण समिति की बैठक में मंथन हो रहा है। चंपत राय से सवाल पूछा गया कि रामलला के शेष दो मूर्तियां कहां स्थापित होंगी? जवाब में उन्होंने कहा- वो ट्रस्ट की संपत्ति है। इस पर जल्द ट्रस्ट के पदाधिकारी बैठक कर स्थान का निर्धारण कर लेंगे। मीडिया को भी स्थान और समय की जानकारी दे दी जाएगी। रामलला की ये दो मूर्तियां वही हैं, जिनका निर्माण गर्भगृह के लिए किया गया था। हालांकि, सिलेक्शन नहीं हो सका था। कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित है।