स्वाति मालीवाल ने FIR में विभव पर लगाए गंभीर आरोप- कई बार लात, सात-आठ थप्पड़ मारे...

May 18, 2024 - 00:09
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स्वाति मालीवाल ने FIR में विभव पर लगाए गंभीर आरोप- कई बार लात, सात-आठ थप्पड़ मारे...

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल ने कुछ दिनों पहले आरोप लगाए थे कि उनके साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर सीएम के सहयोगी बिभव कुमार ने मारपीट और बदसलूकी की थी। इस मामले पर आज शुक्रवार को पुलिस ने स्वाति मालीवाल के मजिस्ट्रेट के समाने कलमबंद बयान दर्ज कराए। स्वाति मालीवाल ने एफआईआर में बिभव कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। 

स्वाति मालीवाल की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार ने स्वाति मालीवाल को कई बार लात और करीब सात-आठ थप्पड़ मारे। स्वाति जब मदद के लिए चिल्लाने लगीं तब भी बिभव नहीं रुके। 

स्वाति ने बताया कि वह लगातार मदद के लिए चिल्ला रही थीं लेकिन बिभव नहीं रुका। आरोप लगाया कि बिभव ने उनकी छाती, पेट और शरीर के निचले हिस्सों पर लात से हमला किया। स्वाति की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें उन्होंने बिभव कुमार को आरोपी बनाया था। 

दिल्ली पुलिस की एफआईआर के मुताबिक, मालीवाल ने 13 मई की घटनाओं का जिक्र किया है। जब वह मुख्यमंत्री केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित आवास पर गई थीं। उन्होंने कहा कि मैं कैंप कार्यालय के अंदर गई। सीएम के पीए बिभव कुमार को फोन किया। लेकिन मैं अंदर नहीं जा सकी। फिर मैंने उनके मोबाइल नंबर पर एक मैसेज भेजा था। हालांकि, कोई जवाब नहीं आया। 

इसके बाद मैं उनके आवास के परिसर में गई। जहां मैं अक्सर जाती थी। वहीं बिभव कुमार मौजूद नहीं थे। इसलिए मैंने आवास परिसर में एंट्री की और वहां मौजूद कर्मचारियों को जानकारी दी कि वे यहां सीएम से मिलने के लिए आई हैं। यह सब बातें एफआईआर में लिखी गई हैं। उन्होंने आगे बताया कि मुझे बताया गया कि वह घर में मौजूद हैं और मुझे ड्राइंग रूम में इंतजार करने के लिए कहा है। मैं ड्राइंग रूम में गई और सोफे पर बैठ गई और उनके मिलने का इंतजार किया। 

मुझे पता चला की सीएम मिलने के लिए आ रहे हैं। लेकिन अचानक पीए बिभव कुमार कमरे में घुस आए। उन्होंने बिना किसी उकसावे के चिल्लाना शुरू कर दिया। मुझे गालियां भी दीं। मैं स्तब्ध रह गई। इतना ही नहीं मुझे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया। जब मैं लगातार चिल्लाती रही तो मुझे कम से कम सात से आठ बार थप्पड़ मारा। मैं वहां मदद के लिए भी चिल्लाई थी। जानबूझकर मेरी शर्ट ऊपर खींची। 

उन्होंने बताया कि मैंने उनसे बार-बार कहा कि मैं मासिक धर्म के दौर से गुजर रही हूं। कृपया मुझे जाने दें। लेकिन जाने नहीं दिया। फिर मैं वहीं बैठ गई। मैं ड्राइंग रूम के सोफे पर गई और हमले के दौरान जमीन पर गिरे अपने चश्मे को उठाया। इसके बाद 112 नंबर पर फोन किया और पुलिस को सूचना दी।

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