रांची। झारखंड में हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों पर देश का ध्यान केंद्रित हुआ है। दो दिन पहले ही राज्य को हेमंत सोरेने के रूप में नए मुख्यमंत्री मिले तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के खेमे में भी राजनीतिक हलचल देखने को मिली है। दरअसल, करीब डेढ़ महीने पहले भाजपा नेता कुणाल सारंगी ने झारखंड इकाई प्रवक्ता के पद से खुद को अलग कर दिया था। अब सारंगी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।
भाजपा नेता कुणाल सारंगी ने झारखंड इकाई के प्रवक्ता के पद से हटने के लगभग डेढ़ महीने बाद रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। कुणाल सारंगी, बहरागोड़ा से पूर्व विधायक रह चुके हैं। उन्होंने, सोशल मीडिया मंच एक्स के माध्यम से झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को अपना इस्तीफा भेजा। सारंगी ने अपने इस्तीफे में पूर्वी सिंहभूम जिले में जनता की समस्याओं और संगठनात्मक मुद्दों को उठाया। 19 मई को कुणाल सारंगी ने भाजपा प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में सारंगी को जमशेदपुर से प्रत्याशी घोषित किया था।
पूर्व भाजपा विधायक ने कहा कि उन्होंने पार्टी आलाकमान के समझ दो महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया लेकिन, पार्टी का इस पर उदासीन रवैया दिखा। उन्होंने आलाकमान के इस रवैये पर निराशा व्यक्त की। सारंगी ने कहा, ‘मैंने यह सोचकर प्रवक्ता पद से इस्तीफा था कि भाजपा आलाकमान द्वारा मेरी चिंताओं का समाधान किया जाएगा। ऐसा कुछ नहीं हुआ है।’उन्होंने पूर्वी सिंहभूम जिले में बुनियादी सुविधाओं और युवाओं के मुद्दों पर चुप्पी के लिए भाजपा प्रतिनिधियों की आलोचना भी की।