उद्धव ठाकरे की चुनौती, कहा- हिम्मत है तो मेरी सरकार गिराओ, फिर मैं देखता हूं

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जोरदार चुनौती देते हुए कहा कि, हिम्मत है तो मेरी सरकार गिराओ, फिर मैं देखता हूं। एक एंटरव्यू के दौरान में सीएम उद्धव ने कहा कि, इंतजार किसका है? अब सरकार गिराओ, सरकार तीन पहियों वाली है, लेकिन वह गरीबों का वाहन है। पर स्टेरिंग मेरे ही हाथ में है।

उद्धव ने कहा कि, अगर मुझे बुलेट ट्रेन या रिक्शा में चुनाव करना पड़ा तो मैं रिक्शा ही चुनूंगा। उन्होंने कहा कि मैं गरीबों के साथ ही खड़ा रहूंगा। मेरी यह भूमिका मैं बदलता नहीं हूं। कोई ऐसी सोच न बनाए कि अब मैं मुख्यमंत्री बन गया हूं, मतलब बुलेट ट्रेन के पीछे खड़ा रहूंगा। शिवसेना मुखपत्र सामना से बात करते हुए महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है, लेकिन रास्ता निकालेंगे।

ऑपरेशन लोटस को लेकर जब उनसे सवाल किया गया कि, महाराष्ट्र में ऑपरेशन लोटस सफल होगा या नहीं? इस सवाल के जवाब में महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि करके देखो ना। मैं भविष्यवाणी कैसे करूंगा? आप करके देखो, जोड़-तोड़ करके देखो। एक महत्वपूर्ण मुद्दा क्या है कि ऐसा कोई भी विपक्षी नेता दिखाओ जो दूसरी पार्टी में जाकर सर्वोच्च पद पर पहुंचा है, मुख्यमंत्री बना है।

वहीं तीन पहियों वाली सरकार के आरोप पर महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि सरकार तीन पहियों वाली है, लेकिन वह गरीबों का वाहन है। मैंने इतना ही कहा कि मैं मुख्यमंत्री होने के नाते सर्वांगीण विकास करूंगा। लोग मेरे साथ हैं इसलिए मैं बुलेट ट्रेन ले आऊं, ऐसा नहीं है, जब तक कि वो सर्वमत से ना हो।. इसलिए तीन पहिया तो तीन पहिया। वह एक दिशा में चलती है ना। फिर आपका पेट क्यों दुखता है?

सीएम उद्धव ने सवाल पूछते हुए कहा कि केंद्र में कितने पहिये हैं? हमारी तो ये तीन पार्टियों की सरकार है। केंद्र में कितने दलों की सरकार है, बताओ ना? पिछली बार जब मैं एनडीए की मीटिंग में गया था, तब तो 30-35 पहिए थे। मतलब रेलगाड़ी थी।

श्री राम मंदिर के भूमि पूजन में जाने के सवाल पर उद्धव ने कहा मैं इंसान के रूप में कुछ भी जवाब दे सकता हूं लेकिन राम मंदिर के संघर्ष में शिवसेना की भूमिका इतिहास में दर्ज है। मैं मुख्यमंत्री नहीं था उस समय भी राम मंदिर में गया था। असल में संयोग में मेरी श्रद्धा है।

ठाकरे ने कहा कि मैं 5 अगस्त को अयोध्या जाऊंगा। अब मैं मुख्यमंत्री हूं लेकिन मुख्यमंत्री नहीं था तब भी मुझे वहां मान-सम्मान सब कुछ मिला था। अब तो मैं मुख्यमंत्री हूं, मुझे सुरक्षा मिलेगी। मैं सही से जाऊंगा और पूजा-अर्चना करके कार्यक्रम में सहभागी होकर वापस आऊंगा। राम मंदिर को लेकर शिवसेना की भूमिका में बदलाव का सवाल ही नहीं है। राम मंदिर हमारी भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है। शिवसेना ने राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त किया ये इतिहास कहता है।

उन्होंने आगे कहा कि मेरी भावना यही कहती है कि नवंबर, 2018 में पहली बार मैं राम मंदिर में गया था। मैं वहां शिवाजी महाराज की जन्मभूमि की एक मुठ्ठी मिट्टी लेकर गया था। उसके बाद इस मुद्दे को काफी गति मिली, उससे पहले यह विषय ठंडा पड़ा था। किसी ने कोई विषय ही नहीं निकाला था, शिवसेना ने शुरुआत की। अगर समय लगता है तो कानून बनाओ, सरकारी आदेश जारी करो जो आवश्यक हो करो लेकिन राम मंदिर बनाओ।

Share With

Chhattisgarh