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सुप्रीम कोर्ट ने ऑड-ईवन को लेकर केजरीवाल सरकार को जारी किया नोटिस

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में ऑड-ईवन लागू किए जाने के फैसले को लेकर केजरीवाल सरकार को एक बार फिर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को 1 अक्टूबर से 14 नवंबर तक का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) डेटा देने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही, पिछले साल 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक का एक्यूआई डेटा भी मांगा है।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा, हमें प्रदूषण का नवंबर तक का आंकड़ा चाहिए, और हमें पिछले साल का भी आंकड़ा चाहिए। दिल्ली सरकार की ऑड-ईवन योजना के खिलाफ कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर दिया। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।

इस बीच, बुधवार को दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में बुधवार सुबह वायु प्रदूषण का स्तर फिर गंभीर स्तर तक पहुंच गया। दिल्ली के लोधी रोड इलाके में पीएम-2.5 500 और पीएम-10 497 के स्तर पर रिकॉर्ड किया गया। यह गंभीर स्थिति मानी जाती है। अफ्रीका एवेन्यू रोड और वसंत विहार क्षेत्र में धुंध छाई रही। आरके पुरम में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 447 के स्तर तक पहुंच गया। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-III क्षेत्र में 458, सेक्टर-62 क्षेत्र में 472 और फरीदाबाद के सेक्टर-16ए में एक्यूआई 441 के स्तर तक पहुंच गया।

दिल्ली सरकार का दावा है कि दिल्ली में इस नियम को लागू करने के बाद प्रदूषण कम हुआ है क्योंकि 15 लाख कारें दिल्ली की सड़कों पर नहीं उतर रही हैं। इस योजना को सफल बनाने के लिए पांच हजार वालंटियर और 400 टीमें लगाई गई हैं। डीटीसी और क्लस्टर की 5,600 बसें सड़कों पर हैं, इसके अलावा 650 अतिरिक्त बसें भी चलाई गई हैं। गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर दिल्ली सरकार ने 11 और 12 नवंबर को इसमें छूट दी थी।

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