भूमि पूजन के बाद बोले सीएम योगी- 500 वर्षों का कड़ा संघर्ष लोकतांत्रिक तरीके से संपन्न हुआ

अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन के बाद शिलान्यास किया। इसके साथ ही अब भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण अब शुरू हो गया।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस चीफ मोहन भागवत समेत करीब 175 लोग इस ऐतिहासिक लम्हे का गवाह बने। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 500 सालों का लंबा संघर्ष अब जाकर संपन्न हुआ है।

लोगों को संबोधित करते हुए सीएम योगी भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा, 500 वर्षों का लंबा और कड़ा संघर्ष अब लोकतांत्रिक और संविधान सम्मत तरीके से संपन्न हुआ। इस घड़ी की प्रतीक्षा में हमारी कई पीढ़ियां चली गईं। राम मंदिर के निर्माण का सपना लिए अनेक लोगों ने बलिदान दिया।

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सूझबूझ और प्रयासों के कारण आज संकल्प पूरा हो रहा है। हमने तीन साल पहले अयोध्या में दीपोत्सव का कार्यक्रम शुरू किया था, आज उसकी सिद्धी हो रही है। यूपी सीएम ने कहा कि सरकार की ओर से पहले रामायण सर्किट का काम शुरू किया गया, साथ ही अयोध्या में विकास कार्य हो रहा है।

वहीं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आज देश में आनंद की लहर है। सदियों की आस पूरी होने के बाद आनंद है। उन्होंने कहा, सबसे बड़ा आनंद है कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिस आत्मविश्वास की जरूरत थी, उसका सगुन सरकार अधिस्ठान आज हो रहा है।

मोहन भागवत ने कहा कि कई लोग महामारी के कारण नहीं आ पाए, लालकृष्ण आडवाणी जी भी नहीं आ पाए हैं। देश को अब आत्मनिर्भर बनाने की ओर काम जारी है। आज महामारी के बाद पूरा विश्व नए रास्तों को ढूंढ रहा है। जैसे-जैसे मंदिर बनेगा, राम की अयोध्या भी बननी चाहिए। हमारे मन में भी मंदिर बनना चाहिए और कपट को छोड़ना चाहिए।

पीएम मोदी ने राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने के बाद राम जन्मभूमि परिसर में पारिजात का पौधा लगाएंगे। मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने के लिए वह एक पट्टिका का भी अनावरण किया। इस खास मौके पर ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया। आखिर क्या है इस पौधे का महत्व और खासियत जिसकी वजह से इसे भूमि पूजन समारोह का हिस्सा बनाया जा रहा है।

पारिजात का पेड़ बहुत खूबसूरत होता है। पारिजात के फूल को भगवान हरि के श्रृंगार और पूजन में प्रयोग किया जाता है, इसलिए इस मनमोहक और सुगंधित पुष्प को हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म में इस वृक्ष का बहुत महत्व माना जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि पारिजात को छूने मात्र से ही व्यक्ति की थकान मिट जाती है।

Share With

Chhattisgarh