
लंदन। भगोड़े शराब उद्यमी विजय माल्या को बड़ा झटका लगा है। लंदन की हाईकोर्ट ने भारत के भगोड़े माल्या की अपील खारिज कर दी है। इसके साथ ही विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है। 2018 में ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण को हरी झंडी दी थी।
इसके खिलाफ माल्या ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। तभी से यह मामला लंबित चल रहा था। इस फैसले के बाद अब माल्या के प्रत्यर्पण का मामला ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास जाएगा, वह इस पर अंतिम फैसला लेंगी।
लंदन में रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में लॉर्ड जस्टिस स्टीफन इरविन और जस्टिस एलिजाबेथ लिंग की दो सदस्यीय पीठ ने माल्या की अपील को खारिज कर दिया। कोरोना वायरस महामारी के कारण जारी लॉकडाउन के कारण मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिए हुई।
गौरतलब हो कि माल्या ने 31 मार्च को अपने ट्वीट में कहा था, ‘मैंने केएफए द्वारा बैंकों से उधार ली गई राशि का 100 फीसदी भुगतान करने के लिए बार-बार प्रस्ताव दिया है। न तो बैंक धनराशि लेने के लिए तैयार हैं और न ही ईडी अपने अटेचमेंट जारी करने के लिए तैयार है, जो उन्होंने बैंकों की तरफ से दायर किए हैं। मुझे उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस संकट के इस समय में (मेरी बात) सुनेंगी।
उसने आगे कहा, भारत सरकार ने पूरे देश को बंद करके जो किया, वह अकल्पनीय था। हम इसका सम्मान करते हैं। मेरी सभी कंपनियों ने प्रभावी ढंग से संचालन बंद कर दिया है। सभी विनिर्माण भी बंद हैं।
माल्या ने सरकारी मदद मांगी और कहा कि हम कर्मचारियों को घर नहीं भेज रहे हैं और व्यर्थ लागत का भुगतान कर रहे हैं। सरकार को मदद करनी होगी। उसने लोगों से घर में रहने और सामाजिक दूरी बनाए रखने की अपील की और कहा कि वह खुद भी ऐसा ही कर रहा है।