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मैं कोई जायरा वसीम नहीं, मैं धमकियों से नहीं डरने वाली: बबीता फोगाट

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की लड़ाई के बीच पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगाट ने जमातियों पर ट्वीट करके विवाद पैदा कर दिया है। बबीता ने अब खुलकर अपने ट्वीट का बचाव किया है।

शुक्रवार को उन्होंने एक विडियो जारी कर विरोध कर रहे लोगों पर हमला किया। उन्होंने कहा कि वह ‘जायरा वसीम’ नहीं हैं और न ही वह किसी तरह की धमकी से डरने वाली हैं।

बबीता ने गुरुवार को टि्वटर के जरिए तबलीगी जमात पर निशाना साधा था। अपने ट्वीट में उन्होंने जो हैशटैग इस्तेमाल किया था वह कई लोगों को नागवार गुजरा था।

उनके इस ट्वीट के बाद ट्विटर पर लोगों ने उनको घेरना शुरू कर दिया था, इसके साथ ही उनके फैन्स उनके समर्थन में आ गए थे और साथ समर्थन जताने लगे। दोनों हैशटैग शुक्रवार को टॉप ट्रेंड्स में बने रहे।

बबीता इसके बाद एक वीडियो संदेश के जरिए सामने आईं। उन्होंने कहा, पिछले दिनो से मैंने कुछ ट्वीट पोस्ट किए हैं, जिसके बाद से मुझे लगातार धमकियां मिल रही हैं। कुछ लोग सोशल मीडिया पर गालियां दे रहे हैं, धमकियां दे रहे हैं और कुछ लोग फोन करके भी धमकियां दे रहे हैं।

मैं उन्हें कहना चाहूंगी कि मैं जायरा वसीम नहीं हूं, मैं धमकियों से नहीं डरने वाली। मैंने देश के लिए लड़ी हुं और मैं अपने ट्वीट पर कायम हूं। जो भी मैंने लिखा, उसमें कुछ गलत नहीं था।

इस वीडियो के साथ उन्होंने कैप्शन दिया- ‘यदि आप बबीता फोगाट को सपोर्ट करते हैं तो उन तक यह बात जरूर पहुंचा दीजिए और उनको बोलिए ध्यान से कान खोल कर सुन लें।’

उन्होंने कहा, मैंने कोरोना वायरस फैलने के बारे में ट्वीट किए थे। मैं आप सबसे पूछना चाहूंगी कि आप ही बताइए कि क्या यह सच नहीं है कि तबलीगी जमात वालों की वजह से ही कोरोना वायरस फैला।

अगर वह जमा नहीं होते तो अभी तक हम इस वायरस से आजाद हो गए होते। मैंने हमेशा सच बोला है और बोलती रहूंगी।

बबीता ने कहा कि अगर किसी को सच सुनने में प्रॉब्लम है तो बात सुन लो, मैं सच बोलती रहूंगी और लिखती रहूंगी। सच सुनना पसंद नहीं तो आदत सुधार लो और सच सुनने की आदत डाल लो।

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