
रांची। प्रधानमंत्री मोदी झारखंड विधानसभा चुनाव के चौथे चरण से पूर्व चुनावी सभा के लिए धनबाद के वरवड्डा पहुंचे। यहां उन्होंने कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों पर तीखा हमला बोला है। झारखंड की चुनावी रैली में पीएम ने दो टूक कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही शरणार्थियों का इस्तेमाल किया और अब वह इस विधेयक को लेकर झूठ बोलकर पूर्वोत्तर में आग लगा रही है।
पीएम ने कहा कि कांग्रेस और उनके साथ भ्रम फैला रहे हैं। पूर्वोत्तर के लोगों को मैं विश्वास दिलाता हूं कि उन्हें किसी के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। हम उनकी संस्कृति, भाषा, मान, सम्मान को और समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नागरिकता संशोधन बिल के बहाने पीएम मोदी ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा, ‘कांग्रेस की नीति हमेशा रही है लूटो और लटकाओ।
पीएम ने कहा इनके नेता हर चुनाव के पहले बयान देते रहे हैं कि वे बाहर से आने वाले शरणार्थियों को नागरिकता देंगे। पर, क्या हुआ…अब वे फिर पलट गए। आखिर शोषित लोगों को अधिकार मिलना चाहिए कि नहीं? पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हुआ…लाखों अल्पसंख्यक सदियों तक शोषित रहे हैं। हम मानवीय दृष्टि से उन्हें नागरिकता देना चाहते हैं तो कांग्रेस को इसमें भी विरोध करना है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश में हमेशा एक विचित्र राजनीतिक माहौल बनाया। इसकी वजह से देशवासियों का घोषणा पत्रों से ही भरोसा उठ गया। लोगों को लगने लगा था कि नेता चुनाव के दौरान घोषणाएं करते हैं और फिर भूल जाते हैं। देश के लोगों में ये भावना भरने वाली कांग्रेस के इरादों के कारण ये स्थिति पैदा हुई। कांग्रेस राजद, झामुमो, वामपंथियों ने हमेशा यही किया।
लेकिन भाजपा ने सिर्फ छह महीने में दिखाया है कि संकल्प चाहे कितने भी बड़े हों, कितने भी मुश्किल हों, उसे पूरा करने के लिए हम दिन-रात एक कर देते हैं। हम चैन की नींद नहीं सोते। हर पल देशवासियों के सपनों को पूरा करने के लिए आपने आपको मिटाते रहते हैं।
मोदी ने कहा, झारखंड समेत पूरे देश को भाजपा पर इतना विश्वास इसीलिए है, क्योंकि वह भाजपा ही है जो संकल्प लेने के बाद उसे पूरा करती है। जो वादा हम देश के लोगों से करते हैं उस पर पूरी ईमानदारी से अमल करते हैं। मोदी ने कहा, 1947 में भारत के टुकड़े हो गए। भारत मां की भुजाएं काट दी गईं। 1971 में बांग्लादेश का निर्माण हुआ। दोनों बार सबसे अधिक प्रभावित वे हुए, जो पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक थे।
इनमें अधिकतर हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई थे। हिंदुओं में भी अधिकतर दलित परिवारों के थे। जो विभाजन के बाद पाकिस्तान में रह गए थे। जिनको पाकिस्तान के जमींदारों ने सेवा के लिए रखा था। इनके साथ अमानवीय बर्ताव हुआ, उनके मंदिरों पर कब्जा किया, गुरुद्वारा हो या चर्च, वे सभी संकट में आ गए। झोपड़ियों में जिंदगी गुजारते थे, उन पर भी कब्जा कर लिया। बच्चियों के साथ अत्याचार हुआ।