भारत का प्रत्येक नागरिक हिंदू, भले ही वो किसी भी धर्म, भाषा या जाति का हो: भागवत

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बरेली में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर कहा कि भारत का प्रत्येक नागरिक हिंदू है। भले ही वो किसी भी धर्म, भाषा या जाति का हो। इसी के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ को समाप्त करने वाले खुद समाप्त हो गए।

बरेली में मोहन भागवत ने जनसंख्या नियंत्रण पर दिए गए अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि, मुझ से पूछा गया कितने बच्चे हों, मैंने कहा सरकार और सब तय करें, नीति बने, अभी पता नहीं, जनसंख्या समस्या और समाधान दोनों है।

भागवत ने हिंदुत्व का मतलब समझाने की कोशिश करते हुए रविवार को कहा कि विभिन्न विविधताओं के बावजूद एक साथ रहना ही हिंदुत्व है। उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस संविधान से इतर कोई पावर सेंटर नहीं चाहता है और संघ संविधान पर पूरा विश्वास करता है।

इसके अलावा संघ प्रमुख ने दो बच्चों के कानून को लेकर छपी खबरों पर सफाई देते हुए कहा कि मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा था कि सभी के दो बच्चे होने चाहिए, जनसंख्या एक समस्या के साथ-साथ संसाधन भी है, सरकार को इस पर एक मसौदा तैयार करना चाहिए।

स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा, जब आरएसएस के कार्यकर्ता कहते हैं कि यह देश हिंदुओं का है और 130 करोड़ लोग हिंदू हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी का धर्म, भाषा या जाति बदलना चाहते हैं… हमें संविधान से इतर कोई शक्ति केंद्र नहीं चाहिए क्योंकि हम इस पर विश्वास करते हैं।

उन्होंने कहा, संविधान कहता है कि हमें भावनात्मक एकीकरण लाने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन भावना क्या है? वह भावना है- यह देश हमारा है, हम अपने महान पूर्वजों के वंशज हैं। भागवत ने कहा कि हमें अपनी विविधता के बावजूद एक साथ रहना होगा, इसे ही हम हिंदुत्व कहते हैं।

संघ प्रमुख ने भविष्य का भारत पर आरएसएस का दृष्टिकोण विषय पर बोलते हुए कहा कि हम भारत की कल्पना कर रहे हैं, भविष्य का भारत तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि साल 1940 से पहले तक समाजवादी, कम्युनिस्ट और अन्य सभी राष्ट्रवादी थे। साल 1947 के बाद बिखरे थे।

संघ प्रमुख ने कहा कि भारत रूढ़ियों और कुरीतियों से पूरी तरह मुक्त हो, 7 पापों से दूर रहे और वैसा हो जैसा गांधीजी ने कल्पना की थी। उन्होंने कहा कि देश के संविधान में भविष्य के भारत की कल्पना की गई है। भागवत ने कहा कि ये कहा जाता है कि संघ वाले जालिम हैं, ये जो भी करेंगे तुम्हारे खिलाफ ही करेंगे।

उन्होंने कहा कि हम शक्ति का कोई दूसरा केंद्र नही चाहते। संविधान के अलावा कोई शक्ति केंद्र होगा तो हम उसका विरोध करेंगे, क्यों कि ये विचार पहले से तय है। संघ प्रमुख ने कहा कि अगर कोई यह कहता है कि हम हिंदू नही कहेंगे, हम कहेंगे कि हम भारतीय हैं तो हमे इसमें भी कोई ऐतराज नहीं है। उन्होंने कहा कि संघ को समाप्त करने वाले खुद समाप्त हो गए।

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