जानलेवा है कोरोना वायरस, जानें बीमारी के लक्षण

पूरी दुनिया में रहस्यमय बीमारी के नाम से चर्चित जानलेवा कोरोना वायरस चीन में अपना आतंक फैला रहा हैं और अभी तक इसके 440 मामले सामने आ चुके हैं। ये बीमारी भारत में भी पहुंच चुकी है। यहां इसके संक्रमण से चार लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है जबकि दुनियाभर में कुल 17 लोग इससे मर चुके हैं। हालांकि चीन में इससे बीमार लोगों की संख्या हजारों में है लेकिन वो लगातार अपने देश में इससे मरने वाले और बीमार लोगों की संख्या छिपाने में लगा है।

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण

कोरोना वायरस की फैमिली लंबी चौड़ी है लेकिन इसमें छह वायरस ऐसे हैं जो काफी खतरनाक हैं निमोनिया भी इसी से फैलता है लेकिन जो वायरस चीन से पैदा हुआ और अब पूरी दुनिया को चपेट में ले रहा है उसे वैज्ञानिकों ने न्यू कोरोना वायरस या नोवेल कोरोना वायरस नाम दिया है। इसके नमूनों की सबसे पहले पहचान जर्मनी की एक अंतरराष्ट्रीय लैब ने की इसी वायरस की फैमिली घातक सार्स बीमारी फैलाने की भी जिम्मेदार ठहराई जा चुकी है।

चूंकि ये बीमारी भारत और एशियाई देशों में फैल चुकी है, साथ ही ये मानव से मानव में ट्रांसमीट हो रही है, लिहाजा इसके लक्षण जान लेने बहुत जरूरी हैं। इस बीमारी के शिकार लोगों में शुरुआत में सिरदर्द, नाक बहना, खांसी, गले में ख़राश, बुखार, अस्वस्थता का अहसास होना, छींक आना, अस्थमा का बिगड़ना, थकान महसूस करना आदि होता है बाद में ये निमोनिया की तरह लगने लगती है लतौर पर ये फेफड़ों पर हमला करती है और इसे नुकसान पहुंचाती है। जिसके बाद बचना मुश्किल हो जाता है।

कितना गंभीर है ये?

कोरोना वायरस के कारण अमूमन संक्रमित लोगों में सर्दी-जुक़ाम के लक्षण नज़र आते हैं लेकिन धीरे-धीरे इसके गंभीर लक्षण दिखना शुरू होते हैं। तब तक ये वायरस फेफड़ों पर घातक हमला कर चुका होता है। उसके बाद मरीज की हालत गंभीर हो जाती है। उसे बचाना मुश्किल होता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिनबर्ग के प्रोफ़ेसर मार्क वूलहाउस का कहना है, “जब हमने ये नया कोरोना वायरस देखा तो हमने जानने की कोशिश की कि इसका असर इतना ख़तरनाक क्यों है। यह आम सर्दी जैसे लक्षण दिखाने वाला नहीं है, जो कि चिंता की बात है।”

क्या ये बीमारी सार्स से मिलती जुलती है
हां, ऐसा ही लगता है। नए वायरस के जेनेटिक कोड के विश्लेषण से पता चलता है कि ये मानवों को संक्रमित करने की क्षमता रखने वाले अन्य कोरोना वायरस की तुलना में ‘सार्स’ से काफी मिलता जुलता हैसार्स नाम के कोरोना वायरस को काफ़ी ख़तरनाक माना जाता है। सार्स के कारण चीन में साल 2002 में 8,098 लोग संक्रमित हुए थे। उनमें से 774 लोगों की मौत हो गई थी। उसी साल पूरी दुनिया में सार्स से करीब 3000 लोग मरे थे।

कहां से आया ये वायरस?
यह बिल्कुल नई क़िस्म का वायरस है। जिसकी उत्पत्ति कोरोना वायरस के जरिए ही हुई लेकिन ये चीन के वूहान प्रांत में सबसे पहले उभरा है। माना जाता है कि इसका ताल्लुक किसी जानवर या समुद्री जीव से है। क्योंकि ये वायरस सबसे पहले उन लोगों में नजर आया जो वूहान के एक सी-फूड मार्केट में काम करते हैं या फिर वहां से उन्होंने सी-फूड खरीदकर बनाया।

पहले साइंटिस्ट को लगा था कि इस वायरस का संक्रमण जानवरों से मानव में तो हो सकता है लेकिन मानव से मानव में नहीं लेकिन अब उनकी धारणा गलत साबित हो चुकी है।

कितनी तेज़ी से फैल रहा है ये वायरस?
अब ये बहुत तेजी से दुनियाभर में फैल रहा है। शुरुआत में जब ये चीन में फैल रहा था तब इसकी घातकता का अंदाज नहीं लग पाया। चीन ने काफी हद तक इसे छिपाने की कोशिश की। इसके चलते चीन के पड़ोसी देशों की सरकारें देर से इसको लेकर अलर्ट हुईं।

Share With

Chhattisgarh