धर्म-दर्शन

सावन माह में कब है मंगला गौरी व्रत? जानिए तिथियां और महत्व

सावन महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना का खास महत्व है। इस बार सावन महीने की शुरुआत 4 जुलाई 2023 से होने जा रही है और 31 अगस्त को इसका समापन होगा। 4 जुलाई को सावन का पहला मंगला गौरी व्रत है। सावन माह के हर मंगलवार को मंगला का व्रत रखा जाता है।

यह व्रत सभी कुंआरी और सुहागन महिलाएं रखती है। उस दिन खासकर भगवान शिव और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। अगर जिनकी कुंडली में मंगल दोष है, उसे ये व्रत अवश्य रखना चाहिए। इससे मंगल दोष दूर हो जाता है और शीघ्र ही विवाह के योग भी बनते हैं।

पूजा मुहूर्त

4 जुलाई को मंगला गौरी व्रत की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 08 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 10 मिनट तक है।

जरूर करें ये उपाय

अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है, तो मंगला गौरी व्रत और पूजा विधिपूर्वक करें। इस दिन इस मंत्र का खास जाप करें।
श्री मंगला गौरी मंत्र
ॐ गौरीशंकराय नम:

सुहागन महिलाएं माता गौरी को 16 श्रृंगार की सामग्री जैसे सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, मेहदी, महावर, लाल चुनरी आदि चढ़ाएं। उसके बाद मंगला गौरी व्रत कथा पढ़ें। माता गौरी से अखंड सौभाग्य की प्रार्थना करें। उनके आशीर्वाद से आपके पति की आयु लंबी होगी और संतान सुख प्राप्त होगा।

सावन के मंगलवार को एक लाल कपड़े में 2 मुट्ठी मसूर की दाल बांध दें। फिर उसे किसी भिखारी या जरूरतमंद को दान करें। इससे कुंडली में स्थित मंगल दोष से आपको मुक्ति मिल जाएगी।

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