
बड़वाह। शनिवार को लगातार बारिश से बड़वाह एवं आसपास के क्षेत्रो में बाढ़ जैसे हालात बने। एक तरफ जहां बाँध द्वारा पानी छोड़े जाने के कारण जल स्तर बढ़ने पर मोरटक्का पुल जलमग्न हो गया। तो वही दूसरी तरह चोरल एवं पढाली नदी भी उफान पर थी। मूसलाधार बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गांव से लेकर शहर तक हर जगह पानी भर गया।
तालाब और खेत-खलिहान के साथ कुछ लोगों के घरों में बारिश का पानी घुस गया था। वही आश्रमों में पानी घुसने से नाव से संत-महंतो को सुरक्षित बाहर निकाला गया। दो दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश के चलते शहर के कई इलाके तालाब में तब्दील हो गए। जिसके चलते लोगो को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। जिसने प्रशासन के दावों की पोल खोल कर रख दी। एसडीएम प्रदीप सोनी,एसडीओपी विनोद दीक्षित, तहसीलदार शिवराज कनासे,सीईओ कंचन डोंगरे,टीआई प्रीतम सिंह ठाकुर सहित प्रशासनिक अमला भ्रमण करके निगरानी रखा हुआ था।
बडवाह से चार किलोमीटर दूर ग्राम कटघडा के मानकर मोहल्ले में 10-12 घर पानी से लबालब हो गए,सरपंच एवं सचिव सचिव योगेश सिंग द्वरा तुरंत ही मकान खाली करवाया गया। गिरते पानी में ही लोगो ने अपने मकानों को खाली करके अपने रिश्तेदारों एवं अन्य लोगो के घरो में सामान रख कर रात गुजारी थी।
बताया जा रहा है कि यहा के स्कूल, पंचायत एवं प्रशासनिक भवनों के आसपास भी पानी भरा हुआ था, इसके लिए लोगो की वहा भी रुकने की व्यवस्था जिम्मेदार नही कर पाए। ओंकारेश्वर में बांध प्रबंधन ने भी शुक्रवार-शनिवार की रात करीब 1:00 बजे ओंकारेश्वर डेम के 22 गेट खोलने का निर्णय लिया। गेट खुलने के बाद डेम के ऑटो टरबाइन सहित कुल 10,172 क्यूमैक्स जल नर्मदा नदी में छोड़ा जाएगा, जिसके चलते आसपास के सभी क्षेत्रों में अलर्ट किया गया है।
चार आश्रम में फसे संत-महंत
कटघडा पंचायत के निलगिरी आश्रम सहित चार आश्रमों के आसपास बारिश का पानी घुस गया था। जिससे आश्रम के अंदर ही संत-महंत फंसे हुए थे। सुचना मिलते ही एसडीएम,तहसीलदार एवं प्रशासनिक टीम पहुंची। उन्होनो नाव की व्यवस्था करके चारो आश्रमों के करीब 10-12 संत-महंतो को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इसी तरह माउली सरकार आश्रम में भी कुछ भक्त आश्रम में पानी जमा होने के कारण फंस गए थे। प्रशासनिक टीम ने वहा से भी सभी श्रद्धालुओ को सुरक्षित बाहर निकाला।
जयंती माता मन्दिर की सीढ़ियों तक पहुंचा पानी
काटकूट बड़वाह को जोड़ने वाले बरझर ग्राम के पास बने पुल से चोरल नदी बह रही है। सुबह करीब 6.30 बजे से यह स्थिति है। जिससे काटकूट एवं बड़वाह मार्ग पर अवागमन लगभग ठप्प हो गया है। हालंकि कुछ लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क पार कर रहे है।इधर चोरल नदी के किनारे माँ जयंती माता मन्दिर की सीढ़ियों तक पानी पहुंच गया है। मन्दिर पहुंच मार्ग बंद हो गया है।
बड़वाह सिद्धवरकूट मार्ग भी चोरल नदी के जल स्तर मे वृद्धि के कारण बंद हो गया है। चौड़ापाट पुल पर से चोरल नदी तेजी से बह रही है। चोरल नदी से लगी पढाली नदी भी पुरे वेग से बह रही है। वन विभाग कार्यालय के सामने पढाली नदी पर बने पुल पर भी पानी करीब एक फिट तक बह रहा है। यहाँ एहतियातन वन विभाग के कर्मचारी पुल पर से निकलने वालो को सख्ती से रोक रहे है।
एनएचडीसी ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर बताया है कि वर्तमान में इंदिरा सागर बांध का जल स्तर 261.76 मीटर तथा ओंकारेश्वर बाँध का जलस्तर 195.05 मीटर है। वर्तमान में अपस्ट्रीम स्थित बरगी बांध से 3,480 क्यूमेक्स तथा तवा बांध से 9571 क्यूमेक्स पानी प्रवाहित हो रहा है। पानी की आवक को देखते हुए इंदिरा सागर बांध से कभी भी अतिरिक्त जल की निकासी की जा सकती है।
संभावना है कि आज रात 1:00 बजे से ओंकारेश्वर बांध के गेटों से 8,000 क्यूमेक्स जल की निकासी की जाएगी। इस प्रकार बांध के गेटों एवं विद्युत गृह द्वारा कुल 10,088 क्यूमेक्स जल की निकासी की जाएगी, जिससे जिला प्रशासन सचेत होकर डाउनस्ट्रीम में आवश्यक सुरक्षा उपाय की तैयारी कर लें।