
नई दिल्ली। आज 1 फरवरी 2023 को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-2024 बजट पेश कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांचवीं बार बजट पेश किया हैं। ये मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट है। कृषि क्षेत्र के लिए इस बार सरकार ने कई बड़े ऐलान किए हैं। सरकार ने इस साल किसानों को 20 लाख करोड़ तक ऋण बांटने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत की है।
चलिए अब आपको बताते हैं बजट में कृषि क्षेत्र के लिए क्या-क्या ऐलान हुए हैं?
कृषि ऋण लक्ष्य बढ़कर 20 लाख करोड़ रुपये होगा-
साल 2023-24 के लिए 20 लाख करोड़ रूपये क्रेडिट लक्ष्य रखा गया है, कृषि क्षेत्र के लिए भंडारण क्षमता बढ़ाई जाएगी। कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को ओपन सोर्स, ओपन स्टैंडर्ड और इंटरऑपरेबल पब्लिक गुड के रूप में बनाया जाएगा।
श्री अन्न योजना की जाएगी शुरू-
वित्त मंत्री ने कि ग्लोबल हब फोर मिलेट्स के तहत इंडिया मिलेट्स में काफी आगे है। न्यूट्रिशन, फूड सिक्योरिटी और किसानों के योजना के लिए मिलेट्स प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। श्रीअन्ना राड़ी, श्रीअन्ना बाजरा, श्रीअन्ना रामदाना, कुंगनी, कुट्टू इन सबके के हेल्थ के बहुत फायदे हैं। मिलेट्स में किसानों का काफी योगदान है और श्रीअन्ना का हब बनाने के लिए कोशिश की जा रही है। श्रीअन्ना के उत्पादन के लिए हैदराबाद के रिसर्च इंस्टीट्यूट से काफी मदद मिल रही है।
गोबर धन स्कीम के तहत 500 नए प्लांट्स की होगी स्थापना-
वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए पीएम प्रणाम योजना की शुरूआत की जाएगी। गोबर धन स्कीम के तहत 500 नए प्लांट्स की स्थापना की जाएगी। अगले तीन साल में 1 करोड़ किसानों को नेचुरल फार्मिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 10 हजार बायो इनपुट रिसर्च सेंटर स्थापित होंगे। इसके लिए माइक्रो फर्टिलाइजर पर जोर दिया जाएगा।
कृषि त्वरक कोष की होगी स्थापना-
वित्त मंत्री ने किसानों को सौगात देते हुए कहा कि कृषि से जुड़े स्टार्ट अप को प्राथमिकता दी जाएगी। युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि त्वरक कोष की स्थापना की जाएगी।
कृषि ऋण समितियों का किया जाएगा कम्प्यूटरीकरण-
2,516 करोड़ रुपये के निवेश से 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है, इनके लिए राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। इसके साथ बड़े पैमाने पर विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता स्थापित की जाएगी, इससे किसानों को अपनी उपज को स्टोर करने और अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
सरकार अगले 5 वर्षों में वंचित गांवों में बड़ी संख्या में सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना करेगी।
बागवानी के लिए 2200 करोड़-
सरकार ने इस बार बजट में बागवानी की उपज के लिए 2,200 करोड़ की राशि आवंटित की है। इसके जरिए बागवानी को बढ़ावा देने का फैसला लिया गया है।
किसान डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा-
किसानों के लिए अब किसान डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा। यहां किसानों के लिए उनकी जरूरत से जुड़ी सारी जानकारी उपलब्ध होगी।