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राज्यसभा से भी पास हुआ महिला आरक्षण बिल, समर्थन में पड़े 215 वोट

नई दिल्ली। महिला आरक्षण बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया। बिल के पक्ष में 214 वोट पड़े जबकि किसी ने भी बिल के खिलाफ वोट नहीं डाला। इससे पहले बुधवार को बिल लोकसभा में पास कराया जा चुका है। लोकसभा में हुई वोटिंग में विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े थे।

लोकसभा में ये बिल दो तिहाई बहुमत से पास हो गया था। अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। इस बिल पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा।

इस दौरान राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बिल के समर्थन के लिए सभी सांसदों को धन्यवाद। नारी शक्ति के लिए यह विशेष सम्मान है। नारी शक्ति को एक विशेष सम्मान सिर्फ विधेयक पारित होने से मिल रहा है ऐसा नहीं है बल्कि इस विधेयक के प्रति देश के सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच होना, ये हमारे देश की नारी शक्ति को नई ऊर्जा देने वाली है।

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन की बधाई भी दी गई। सभापति जगदीप धनखड़ ने लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण के प्रावधान वाले संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 पर मतदान के दौरान कहा कि इस विधेयक को पारित करने के समय यह सुखद संयोग है कि आज ही प्रधानमंत्री का जन्मदिन है। भारतीय पंचांग तिथि गणना के अनुसार प्रधानमंत्री का जन्मदिन है।

उन्होंने प्रधानमंत्री को जन्मदिन की बधाई दी। इसके बाद सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों ने मेजें थपथपाकर प्रधानमंत्री को उनके जन्मदिन की बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दोनों हाथ जोड़कर सभापति एवं सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। अंग्रेजी तारीख के अनुसार, मोदी का जन्मदिन 17 सितंबर है।

महिला आरक्षण बिल पर बोलते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैं पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की सरकार को उस समय पंचायत राज में 33 प्रतिशत आरक्षण लाने का श्रेय देना चाहती हूं। परिणामस्वरूप, हमने पंचायत स्तर पर विकास देखा, जहां आज कई राज्यों द्वारा 33% आरक्षण को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है। पंचायत स्तर पर महिलाओं के योगदान को दर्शाता है।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि महिलाओं से संबंधित मामलों में हम कोई राजनीति नहीं करते। यह प्रधानमंत्री के लिए विश्वास का विषय है इसलिए हम वो सब कुछ करते हैं जो हमने किया है। चाहे वह अनुच्छेद 370 हो, तीन तलाक हो या अब महिला आरक्षण विधेयक।

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