
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बीते वर्षों में देश भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की पहुंच के साथ आगे बढ़ा है। भ्रष्टाचार से लड़ना किसी एक एजेंसी का काम नहीं है बल्कि यह सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर कठोर प्रहार के लिए सभी एजेंसियों के बीच समन्वय की जरूरत है। समन्वय एवं सहयोग की भावना समय की जरूरत है।
पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार हो, आर्थिक अपराध हों, ड्रग्स हो, काले धन को वैध बनाना हों, या फिर आतंकवाद, आतंक का वित्तपोषण हो, ये सब एक दूसरे से जुड़े होते हैं। इसलिए, हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ सिस्टमिक चेक, प्रभावी ऑडिट और क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण का काम मिलकर करना होगा।
भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब DBT के माध्यम से गरीबों की मिलने वाला लाभ 100 प्रतिशत गरीबों तक सीधे पहुंच रहा है। अकेले DBT की वजह से 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा गलत हाथों में जाने से बच रहे हैं। आज ये गर्व के साथ कहा जा सकता है कि घोटालों वाले उस दौर को देश पीछे छोड़ चुका है।
पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार का वंशवाद ना सिर्फ एक बड़ी चुनौती है बल्कि वह कई राज्यों में राजनीतिक परंपरा का हिस्सा बन गया है जो देश को दीमक की तरह खोखला करता है। उन्होंने कहा, आज मैं आपके सामने एक और बड़ी चुनौती का जिक्र करने जा रहा हूं। ये चुनौती बीते दशकों में धीरे-धीरे बढ़ते हुए अब देश के सामने एक विकराल रूप ले चुकी है। ये चुनौती है- भ्रष्टाचार का वंशवाद। यानि एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर हुआ भ्रष्टाचार।
उन्होंने कहा कि बीते दशकों में देश ने देखा है कि जब भ्रष्टाचार करने वाली एक पीढ़ी को उचित सजा नहीं मिलती तो दूसरी पीढ़ी और ज्यादा ताकत के साथ भ्रष्टाचार करती है। उन्होंने कहा, उसे दिखता है कि जब घर में ही करोड़ों रुपए कालाधन कमाने वाले का कुछ नहीं हुआ या थोड़ी सी सजा पाकर छूट गया तो उसका हौसला और बढ़ जाता है। इस वजह से कई राज्यों में तो ये राजनीतिक परंपरा का हिस्सा बन गया है। पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार का ये वंशवाद, देश को दीमक की तरह खोखला कर देता है।