
नई दिल्ली। नागरिकता (संशोधन) विधेयक, सीएबी, राज्यसभा से पारित हो गया है। संसद के उच्च सदन में नागरिकता संशोधन बिल के समर्थन में 125 वोट गिरे, जबकि बिल के खिलाफ सिर्फ 105 वोट ही पड़े। यह बिल लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है, अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन हो जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल बुधवार दोपहर में ही राज्यसभा में पेश किया। राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर काफी हंगामा हुआ। विपक्ष ने इस बिल को पहले सेलेक्ट कमिटी के पास भेजे जाने का प्रस्ताव रखा। हालांकि यह प्रस्ताव भी वोटिंग के बाद गिर गया। वहीं अन्य विपक्षी सांसदों ने इस बिल में संशोधन के प्रस्ताव रखे, वो भी वोटिंग के बाद गिर गए।
बता दें कि इसपर फाइलन वोटिंग से पहले बिल में संशोधन को लेकर कांग्रेस और टीएमसी ने अपना 1-1 प्रस्ताव वापस ले लिया था। शिवसेना ने इस बिल पर राज्यसभा में वॉक आउट किया और किसी भी प्रकार की वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। एक दिन पहले शिवसेना ने लोकसभा में इस बिल का समर्थन किया था।
राज्यसभा में नागरिकता बिल पर बहस का जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- यह बिल किसी की नागरिकता नहीं छीन रहा है। अमित शाह ने कांग्रेस से कहा, “मेहरबानी करके राजनीति करिए, लेकिन ऐसा करके देश में भेद नहीं खड़ा करना चाहिए। ये संवेदनशील मामले होते हैं और ये जो आग लगती है अपने ही घर को जलाती है।”