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पीएम मोदी ने संसद के विशेष सत्र को किया संबोधित, बोले- पुराना संसद भवन नई पीढ़ी को प्रेरणा देता रहेगा

नई दिल्ली। संसद में आज पांच दिवसीय विशेष सत्र की शुरुआत कर दी गई है। आज सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही पीएम मोदी के भाषण के साथ शुरू हुई। इसके साथ ही संसद के दोनों सदन में 75 साल की संसदीय यात्रा पर चर्चा की गई।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं। देश के लिए आगे बढ़ने का अवसर है। देश के लोगों का पसीना संसद भवन के निर्माण में लगा है। 75 साल की यात्रा में कई उत्तम सृजन हुए है। पुराना संसद भवन नई पीढ़ी को प्रेरणा देता रहेगा।

पीएम मोदी ने भावुक होते हुए कहा कि मैं पहली बार जब संसद का सदस्य बना और पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में जब मैंने प्रवेश किया तो सहज रूप से इस सदन के द्वार पर अपना शीश झुकाकर अपना पहला कदम रखा था, वह पल मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ था।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा इसका एक बार पुन: स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों को, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को स्मरण करते हुए आगे बढ़ने का यह अवसर है। हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं। आज़ादी के पहले यह सदन इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल का स्थान हुआ करता था, आज़ादी के बाद इसे संसद भवन के रूप में पहचान मिली।

पीएम मोदी ने कहा कि यह सही है कि इस इमारत (पुराने संसद भवन) के निर्माण करने का निर्णय विदेश शासकों का था लेकिन यह बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं। इस भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था, परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी मेरे देश के लोगों के थे।

उन्होंने कहा कि आज आपने एक स्वर से जी-20 की सफलता की सराहना की है। मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। जी-20 की सफलता देश के 140 करोड़ नागरिकों की सफलता है। यह भारत की सफलता है, किसी व्यक्ति या पार्टी की नहीं। यह हम सभी के लिए जश्न मनाने का विषय है।

इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती है और हम यह सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है। उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है। मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर रहने वाला एक गरीब परिवार का बच्चा कभी संसद में प्रवेश कर पाएगा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे लोगों से इतना प्यार मिलेगा।

पीएम ने कहा कि इसी भवन में दो साल 11 महीने तक संविधान सभा की बैठकें हुईं और देश के लिए एक मार्ग दर्शक जो आज भी हमें चलाते हैं उन्होंने हमें संविधान दिया। हमारा संविधान लागू हुआ, इन 75 वर्षों में सबसे बड़ी उपलब्धि देश के सामान्य मानवीय का इस संसद पर विश्वास बढ़ना रहा है। जब आतंकी (संसद भवन पर) हमला हुआ यह आतंकी हमला किसी इमारत पर नहीं बल्कि एक प्रकार से लोकतंत्र की जननी, हमारी जीवित आत्मा पर हमला था। उस घटना को देश कभी नहीं भूल सकता, मैं उन लोगों को भी नमन करता हूं जिन्होंने आतंकवादियों से लड़ते हुए संसद और उसके सभी सदस्यों की रक्षा के लिए अपने सीने पर गोलियां खाईं।

पीएम मोदी ने कहा कि वर्तमान सांसदों के लिए यह विशेष सौभाग्य का विषय है और वह इसलिए क्योंकि हमें इतिहास और भविष्य दोनों की कड़ी का हिस्सा होने का अवसर मिला है। हम नए संसद में जाएंगे तो एक नए विश्वास के साथ जाएंगे। मैं सभी सदस्यों व अन्य के द्वारा दिए गए अपने योगदान के लिए धन्यवाद करता हूं। अनेक ऐतिहासिक निर्णय और दशकों से लंबित विषय का स्थाई समाधान भी इसी सदन में हुआ।

पीएम मोदी ने आगे कहा किनेहरू जी के शब्द हमें प्रेरित करते हैं। अटलजी की आवाज की गूंज आज भी जिंदा है। डॉ मनमोहन जी ने इस देश को दिशा दी। देश ने 3 प्रधानमंत्रियों को कार्यकाल में खोया। इसी सदन ने इमरजेंसी जैसा काल देखा। इसी सदन में एक वोट से अटलजी की सरकार गई। इसी सदन में 3 राज्यों का गठन हुआ। अनुच्छेद 370 भी इसी सदन में हुआ। वन रैंक वन पेंशन, वन नेशन वन टैक्स, GST का निर्णय, गरीबों के लिए 10% आरक्षण भी इसी सदन में हुआ है।

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