
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने एक देश, एक चुनाव को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने इसे लेकर एक कमेटी का गठन किया है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस कमेटी के अध्यक्ष होंगे। बता दें कि मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है जो 18 से 22 सितंबर तक पांच दिन चलेगा। संभावना जताई जा रही है कि संसद के इस विशेष सत्र के दौरान केंद्र सरकार ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर बिल लेकर आ सकती है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर कमेटी का गठन किया है जो इससे जुड़े सभी बिंदुओं पर चर्चा कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट के मुताबिक इस कमेटी की कमान पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संभालेंगे। इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने जानकारी दी है कि 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाया जा रहा है।
माना जा रहा है कि मोदी सरकार इस सबंध में कोई बिल ला सकती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस पांच दिनों के विशेष सत्र के दौरान समान नागरिक संहिता और महिला आरक्षण विधेयक भी ला सकती है। हलांकि सरकार की ओर से इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है।
पीएम मोदी ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ की बात कई बार कर चुके हैं। वहीं चुनाव समीक्षकों का मानना है कि इससे चुनाव पर होने वाले करोड़ों के खर्च से राहत मिलेगी। देखा जाता रहा है कि हर चुनाव पर होना वाला खर्च पिछले चुनाव पर होने वाले खर्च से अधिक होता है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 1951-52 में लोकसभा चुनाव में मात्र 11 करोड़ रुपए खर्च हुए थे वहीं 2019 के खर्च के मुताबिक ये 60 हजार करोड़ खर्च हुए।
वहीं. इसके साथ ही देश हमेशा चुनावी मोड में रहता है और कई नई योजनाएं आचार संहिता की वजह से लागू नहीं हो पाती है जिसकी वजह से लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ से चुनाव में लोगों की भागेदारी बढ़ेगी और मतदान प्रतिशत भी बढ़ेगा।