
नई दिल्ली। देश की नई संसद में आज विशेष सत्र के दौरान कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया है। इसका नाम ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल’ रखा गया है। ये महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत कोटा देने का प्रावधान तय करेगा। महिला आरक्षण की अवधि 15 साल के लिए होगी।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन के पटल पर यह बिल रखा। बिल सदन में रखे जाने के साथ ही सदन में हंगामा हो गया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि उन्हें विधेयक की कॉपी नहीं मिली है, जबकि सरकार और लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि नई टेक्नोलॉजी के तहत सभी सांसदों के पास डिजिटल कॉपी उनके टेबल पर पहुंचा दी गई है।
बता दें कि हर सांसद के टेबल पर एक डिजिटल स्क्रीन लगाई गई है, जिसमें बिल की कॉपी पहले ही पहुंचा दी गई है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण के लिए यह बिल लाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस बिल की अवधि 15 साल के लिए होगी। उन्होंने बताया कि इस बिल के पास होने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 180 तक पहुंच जाएगी।
बिल सदन में रखे जाने से पहले ही पीएम मोदी ने इसको लेकर चर्चा शुरू कर दी। इस पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह बिल पहले भी कई बार संसद में लाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि महिला आरक्षण बिल लोकसभा में डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भी लाया गया और यह बिल अब भी एक्टिव है। इस पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि मनमोहन सिंह सरकार में बिल लोकसभा में नहीं बल्कि राज्यसभा में लाया गया था।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने स्पष्ट किया कि आज सिर्फ बिल को सदन में रखा गया है। इस पर बहस कल ही होगी। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस विधेयक के संबंध में अपनी बातें रखीं। इस दौरान विपक्ष के सांसद हंगामा करते रहे।