
देश में आज भी कृषि मानसून पर ही निर्भर करती है, लेकिन कभी कभी मानसून में होने वाली ज्यादा बारिश भी किसानों के लिए परेशानी का सबब बन जाती है लेकिन इन सब के बावजूद खरीफ की फसलें किसानों के लिए फायदे का सौदा होता है। बरसात के मौसम में उपजाई जाने वाली फसलों को खरीफ की फसल कहते हैं। भारत में खरीफ सीजन मानसून की शुरूआत के साथ शुरू हो जाता है और भारतीय किसान मानसून के दौरान ज्यादा बारिश व कम बारिश के कारण फसल नुकसान से भी प्रभावित होते हैं।
खरीफ की फसलों का मौसम मानसून
खरीफ फसलों की खेती जून-जुलाई महीने में शुरू होती है और अक्टूबर में कटाई के साथ खत्म होती है। खरीफ फसलों की बुवाई के समय अधिक तापमान एवं आर्द्रता तथा पकते समय शुष्क वातावरण की आवश्यकता होती है।
खरीफ की प्रमुख फसलें
खरीफ सीजन की खेती को मानसूनी फसल भी कहते हैं। खरीफ की फसल में प्रमुख रूप से धान या चावल, मक्का, बाजरा, ज्वार, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन, उड़द या उर्द, अरहर, कुल्थी या कुलथी, अरंडी या अरंड, सनई या सन, कपास, तिल, रामतिल, रागी, कपास आदि की खेती शामिल है।
देश के अलग-अलग हिस्सों में मानसून के हिसाब से तय होता है खरीफ का सीजन
देश में खरीफ का सीजन के दौरान अलग अलग क्षेत्रों में मानसून आने के समय और वर्षा में अंतर के कारण बुआई के समय में भी अंतर देखने को मिलता है।