
चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को 3.25 बजे ताकतवर रडार इमेजिंग सैटेलाइट रीसैट-2बीआर1 की सफल लॉन्चिंग कर दी है। यह सेटेलाइट श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के लांचिंग पैड से लॉन्च किया गया। लॉन्चिंग के बाद अब देश की सीमाओं पर नजर रखना आसान हो जाएगा।
ये सैटेलाइट रात के अंधेरे और खराब मौसम में भी काम करेगा। इसरो ने इस रडार इमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह का वजन लगभग 628 किलोग्राम बताया है। भारतीय उपग्रह को 576 किलोमीटर की एक कक्षा में रखा जाएगा। इसकी उम्र पांच साल होगी।
भारतीय उपग्रह अपने साथ चार देशों के नौ विदेशी उपग्रहों -अमेरिका (मल्टी-मिशन लेमूर -4 सैटेलाइट्स, टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेशन टायवाक-0129, अर्थ इमेजिंग 1हॉपसैट), इजरायल (रिमोट सेंसिंग डुचिफैट -3), इटली (सर्च एंड रेस्क्यू टायवाक-0092) व जापान (क्यूपीएस-एसएआर-रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जरर्वेशन सैटेलाइट) को भी लेकर जाएगा।
विशेषज्ञों की मानें तो यह उपग्रह भारतीय सीमाओं की सुरक्षा के लिहाज से बेहद खास है। इसे भारत की दूसरी खुफिया आंख कहा जा रहा है। रीसैट-2बीआर1 सैटेलाइट के पृथ्वी की कक्षा में स्थापित होने के बाद भारत की राडार इमेजिंग ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।