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इस्कॉन ने बीजेपी सांसद मेनका गांधी को सौ करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की सांसद मेनका गांधी इंटरनेशन सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) पर दिए गए बयान पर घिरती जा रही हैं। मेनका के दावे के बाद इस्कॉन ने उन्हें 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि, मेनका गांधी की टिप्पणी बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। दुनिया भर में हमारे भक्त बहुत आहत हैं। हम उनके खिलाफ 100 करोड़ रुपये की मानहानि की कानूनी कार्रवाई कर रहे है, हमने आज उन्हें नोटिस भेजा है।

उन्होंने कहा कि एक सांसद, जो कभी केंद्रीय मंत्री था, इतने बड़े समाज के खिलाफ बिना किसी सबूत के झूठ कैसे बोल सकता है? इस्कॉन के भक्तों, समर्थकों और शुभचिंतकों का विश्वव्यापी समुदाय इन अपमानजनक, निंदनीय और दुर्भावनापूर्ण आरोपों से बहुत दुखी है। हम इस्कॉन के खिलाफ भ्रामक प्रचार के खिलाफ न्याय की खोज में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

दरअसल, बीते दिनों सोशल मीडिया पर मेनका गांधी का एक वीडियो काफी सुर्खियों रहा था, जिसमें उन्होंने इस्कॉन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि इस्कॉन एक फर्जी और धोखेबाज संस्था है। मेनका ने इस संस्था पर गायों की तस्करी करने का भी आरोप लगाया था। मेनका ने कहा था कि इस्कॉन गौशालाएं स्थापित करता है। इसके लिए उसे सरकार की ओर से जमीन का बड़ा टुकड़ा दिया जाता है। जिसके जरिए वो असीमित लाभ अर्जित करता है।

मेनका ने अपने बयान में यह भी कहा था कि वो बीते दिनों आंध्र पुरम में इस्कॉन द्वारा स्थापित की गई गौशालाओं का दौरा करने पहुंची थी, जहां गायों की दुर्दशा देखकर उनका दिल पसीजा उठा था। वहीं, गौशाला में कोई बछड़ा तक नहीं था, जिससे स्पष्ट है कि उसे बेच दिया जा रहा है। मेनका ने कहा था कि ये वही लोग हैं, जो कि अंदर तो गायों की तस्करी करते हैं, लेकिन बाहर हरे राम हरे कृष्णा करते हैं।

बता दें कि वीडियो सामने आने के कुछ घंटों बाद इस्कॉन ने मेनका गांधी पर पलटवार करते हुए उनके बयान को अप्रमाणित और झूठा बताया। इस्कॉन न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर गाय और बैल की सुरक्षा और देखभाल में सबसे आगे रहा है। इस्कॉन के प्रवक्ता युधिष्ठिर गोविंदा दास ने एक्स पर लिखा कि इस्कॉन गायों की सेवा करता है, न कि उन्हें बेचा जाता है।

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