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गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पेश किया नागरिकता संशोधन बिल, पक्ष में पड़े 293 तो विरोध में 82 वोट

नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में चर्चा के लिए पेश किया। इस दौरान विपक्ष ने बिल का विरोध किया। अमित शाह ने कहा कि ये अधिकार छीनने का नहीं, देने के लिए लाया गया बिल है। बिल अल्पसंख्यकों के 0.001% भी खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने ऐसा किया और तब किसी ने विरोध नहीं किया था।

गृह मंत्री ने उदाहरण दिया कि 1947 में पूर्व और पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को भारत के संविधान ने नागरिकता दी थी। तभी मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री और लाल कृष्ण आडवाणी उप-प्रधानमंत्री बने। हंगामे के बीच बिल पेश करने के प्रस्ताव पर लोकसभा में वोटिंग हुई। नागरिकता संशोधन बिल के पक्ष में 293 वोट पड़ने के बाद स्पीकर ओम बिड़ला ने बिल को पेश करने को मंजूरी दी।

बीजेपी ने पहले ही अपने विधायकों को व्हिप जारी किया था। लोकसभा में इस बिल को पारित कराना सरकार के लिए मुश्किल नहीं है लेकिन राज्यसभा में इस बिल को पारित कराने के लिए सरकार को गैर-एनडीए और गैर-यूपीए दलों पर निर्भर रहना होगा। इस विधेयक के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। विपक्ष इस बिल का लगातार विरोध कर रहा है।

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