चुनाव प्रचार के थोक में एसएमएस भेजने का खर्च उम्मीदवार के खाते में जुड़ेगा
इन्दौर। लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान उम्मीदवार द्वारा थोक में भेजे जाने वाले एसएमएस का खर्च भी संबंधित उम्मीदवार के खाते में जोड़ा जाएगा। प्रचार अवधि के दौरान वैकल्पिक निर्वाचन के प्रचार के लिए बल्क (थोक) में भेजे गए एसएमएस की जानकारी रिटर्निंग अधिकारी को मिलने पर वह सेवा प्रदाता से इस पर हुए व्यय का अनुमान लगवाकर इसे अभ्यर्थी या अभ्यर्थियों के खाते में जोड़ देगा। निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग के अनुसार मतदान संपन्न होने के लिए निश्चित किए गए समय की समाप्ति से 48 घंटे पहले तक की अवधि के दौरान राजनैतिक प्रकृति के थोक में एसएमएस भेजने पर प्रतिबंध होगा। राज्य में मोबाइल सेवा प्रदाता सभी संबंधितों के नोटिस में ऐसे थोक एसएमएस की जानकारी तुरंत लायें, ऐसे निर्देश दिए गए है।
आयोग के ध्यान में यह भी आया है कि चुनाव में निहित स्वार्थी व्यक्तियों द्वारा निर्वाचन विधि के प्रावधानों, आदर्श आचरण संहिता और इस संबंध में जारी निर्देशों का उल्लंघन करते हुए कुछ आपत्तिजनक संदेश भी एसएमएस द्वारा भेजे जाते हैं। चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण प्रक्रिया के साथ संपन्न करवाने के लिए भी आयोग ने निर्देश जारी किए हैं। ऐसे आपत्तिजनक एसएमएस के लिए पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए गए है कि वह विशेष मोबाइल नंबरों को प्रचारित करें जिन पर एसएमएस प्राप्तकर्ता उक्त एसएमएस को अग्रेषित कर सके। पुलिस पहले उचित जांच करें और एसएमएस भेजने वाले का पता लगाये तथा भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951, निर्वाचनों का संचालन नियम 1961 तथा आयोग द्वारा जारी किए गए निर्देशों और इस मामले में लागू अन्य कानून के तहत उचित कार्रवाई की जाये।
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