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स्वच्छ सर्वेक्षण: इंदौर आठवीं बार बना नंबर 1, एमपी के 8 शहरों को स्वच्छता अवार्ड

इंदौर। मध्य प्रदेश ने स्वच्छता के क्षेत्र में एक बार फिर इतिहास रचा है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के पुरस्कार समारोह में प्रदेश के 8 शहरों- इंदौर, भोपाल, उज्जैन, देवास, बुधनी, शाहगंज, जबलपुर और ग्वालियर को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया।

स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 के नतीजों में इंदौर ने एक बार फिर देशभर में पहला स्थान हासिल किया है। यह लगातार आठवीं बार है, जब इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर को सम्मानित किया।

इस बार इंदौर को “सुपर लीग” में भी शामिल किया गया है, जिसमें देश के उन 23 शहरों को जगह दी गई है जो अब तक के सर्वे में पहले, दूसरे या तीसरे स्थान पर रह चुके हैं।सम्मान समारोह में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगम आयुक्त भी मौजूद थे।

इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इंदौर फिर सिरमोर है। इस बार भारत सरकार ने इंदौर और इंदौर जैसे शहरों को अलग लीग में रखा था और उसके अलावा के शहरों की रैंकिंग की थी। इस लीग में हम देश के अन्य शहरों से पहले भी सबसे ऊपर थे। इस लीग में आकर भी इंदौर का परिणाम सिरमौर का है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस उपलब्धि पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। सीएम ने X पर पोस्ट कर लिखा, “स्वच्छता के शीर्ष पर इंदौर आदरणीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 के सम्मान समारोह में इंदौर को ‘सुपर स्वच्छ लीग सिटीज़’ श्रेणी में देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में सम्मानित किया जाना प्रदेशवासियों के लिए अत्यंत गर्व का विषय है।” उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता संकल्प को मध्य प्रदेश की जनता ने जीवन का हिस्सा बनाकर हासिल की है।

सीएम ने सफाई मित्रों, नगरीय निकायों, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों के सहयोग की सराहना की। भोपाल को देश की दूसरी सबसे स्वच्छ राजधानी का दर्जा मिला, जबकि उज्जैन और बुधनी ने भी सुपर स्वच्छ लीग में स्थान बनाया। देवास, शाहगंज और भोपाल को राष्ट्रपति पुरस्कार, जबकि जबलपुर और ग्वालियर को मिनिस्ट्रियल अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह उपलब्धि मध्य प्रदेश के लिए गौरव का क्षण है।

देशभर के शहरों के लिए स्वच्छता का मॉडल बन चुका इंदौर नंबर 1 की प्रतियोगिता से बहुत आगे निकल चुका है। अब इंदौर मार्गदर्शक की भूमिका में है और अन्य शहरों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाएगा।

स्वच्छ सर्वेक्षण में वर्ष 2017 से इंदौर पहले नंबर पर आ रहा है। इंदौर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि दूसरे शहर जब कुछ करने का सोचते हैं, तब तक इंदौर वह काम कर चुका होता है। यह बात स्वच्छता को लेकर भी सही साबित हुई है। इंदौर के जनभागीदारी मॉडल की देशभर में तारीफ होती है।

नवाचारों की सीरीज, आपसी समन्वय और कुछ नया करने का जज्बा हमें दूसरे शहरों से आगे रखता है। आज जब दूसरे शहर पहले, दूसरे और तीसरे स्थान के लिए जिद्दोजहद में लगे हैं। इंदौर लगातार 8 वर्ष अव्वल रहकर खास पायदान पर पहुंच चुका है।

भोपाल, देवास, शाहगंज को प्रेसिडेंशियल अवॉर्ड

प्रेसिडेंशियल अवॉर्ड की सबसे अहम कैटेगरी में मप्र की राजधानी भोपाल को अवॉर्ड मिलना तय हो गया है। इसी तरह देवास नगर निगम को भी प्रेसिडेंशियल अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा और शाहगंज को भी अवॉर्ड के लिए चिह्नित किया गया है।

इन सभी शहरों को उनकी संबंधित कैटेगरी में यह अवॉर्ड दिया जाएगा। रैंकिंग क्या होगी, इसका अभी खुलासा नहीं है, लेकिन यह रैंकिंग नंबर 1 से लेकर 3 के बीच होगी। इसी तरह स्पेशल कैटेगरी के मिनिस्ट्रियल अवॉर्ड में जबलपुर को चुना गया है और स्टेट लेवल पर मिनिस्ट्रियल अवॉर्ड के लिए ग्वालियर नगर निगम को चुना गया है। इनकी भी रैंकिंग तय नहीं है, जो नंबर 1 से लेकर नंबर 3 के बीच हो सकती है।

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