पीएम मोदी ने तिरुवनंतपुरम में बहुउद्देशीय बंदरगाह का किया उद्घाटन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को विझिनजाम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन किया। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी मौजूद रहे। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि इस बंदरगाह का निर्माण 8,800 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है, और निकट भविष्य में इसके ट्रांसशिपमेंट हब की क्षमता तीन गुनी हो जाएगी। इसे बड़े मालवाहक जहाजों को समायोजित करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह पोर्ट देश की लंबे समय से चली आ रही जरूरत को पूरा करता है।
पीएम मोदी ने कहा कि अब तक, भारत के 75% ट्रांसशिपमेंट काम विदेशी बंदरगाहों पर होते थे। इससे देश को राजस्व का बड़ा नुकसान होता था। अब विदेशों में खर्च होने वाला पैसा घरेलू विकास में लगेगा। इससे विझिनजाम और केरल के लोगों के लिए नए आर्थिक अवसर पैदा होंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि देश की संपत्ति सीधे अपने नागरिकों को फायदा पहुंचाए।
पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी से पहले हमारे भारत ने हजारों वर्ष की समृद्धि देखी है। एक समय वैश्विक जीडीपी में बड़ा शेयर भारत का हुआ करता था। उस दौर में हमें जो चीज दूसरे देशों से अलग बनाती थी, वो थी जल परिवहन की क्षमता। हमारे बंदरगाहों का वाणिज्यिक उपयोग। केरल का इसमें बड़ा योगदान था। अब भारत सरकार ने, राज्य सरकार के सहयोग से सागरमाला परियोजना के तहत पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाया है। पोर्ट कनेक्टिविटी को भी बढ़ाया है। पीएम-गतिशक्ति के तहत जल परिवहन, रेल, हाईवे और वायु परिवहन आपस में बेहतर तरीके से जुड़े हैं। इनको तेज गति से बेहतर बनाया जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा एक दशक की कड़ी मेहनत और दूरदर्शी योजना ने भारत की उल्लेखनीय सफलता में योगदान दिया है। पिछले 10 वर्षों में, हमने अपने बंदरगाहों की क्षमता को दोगुना कर दिया है और अपने जलमार्गों का आठ गुना विस्तार किया है। आज, हमारे दो बंदरगाह दुनिया के शीर्ष 30 बंदरगाहों में शुमार हैं। इसके साथ ही लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक पर हमारी स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। भारत अब वैश्विक जहाज निर्माण में शीर्ष 20 देशों में गर्व से खड़ा है। भारत सरकार ने देश के नाविकों को लाभ पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण सुधार लागू किए हैं, जिसके आशाजनक परिणाम सामने आए हैं। 2014 में, भारत में 1.25 लाख से भी कम नाविक थे। यह संख्या अब बढ़कर लगभग 3.25 लाख हो गई है। भारत वर्तमान में वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक नाविकों वाले शीर्ष तीन देशों में शुमार है।
इस बंदरगाह के चालू होने से केरल को वैश्विक समुद्री मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं समुद्री परिवहन में भारत की भूमिका में बदलाव की उम्मीद है। इस बंदरगाह को अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड ने बनाया है। यह गहरे पानी का बंदरगाह सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत बनाया गया था। यह परियोजना 8,867 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूरी हुई। सफल परीक्षण के बाद, बंदरगाह को पिछले साल चार दिसंबर को वाणिज्यिक कमीशनिंग प्रमाणपत्र मिला। यह देश का पहला समर्पित ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह और पहला अर्ध-स्वचालित बंदरगाह भी है। यह एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग मार्ग से सिर्फ 10 समुद्री मील की दूरी पर स्थित है और इसका पानी प्राकृतिक रूप से गहरा है। इससे बड़े मालवाहक जहाजों को यहां से सामान लादने और उतारने के बाद गुजरने में आसानी होगी।
विझिनजाम बंदरगाह के उद्घाटन समारोह के दौरान पीएम मोदी ने कहा आज भगवान आदि शंकराचार्य जी की जयंती है। तीन वर्ष पूर्व सितंबर में मुझे उनके जन्मभूमि क्षेत्र में जाने का सौभाग्य मिला था। केरल से निकलकर देश के अलग-अलग कोनों में मठों की स्थापना करके आदि शंकराचार्य जी ने राष्ट्र की चेतना को जागृत किया। इस पुनीत अवसर पर मैं उन्हें नमन करता हूं।
वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, केरल के लोगों की ओर से, मैं एक बार फिर प्रधानमंत्री के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने इस ऐतिहासिक परियोजना को राष्ट्र को समर्पित करने के लिए हमारे राज्य का दौरा किया। मैं इस मिशन को उत्कृष्टता के साथ क्रियान्वित करने के लिए अडानी समूह को भी बधाई देता हूं।