
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव आज जीवन के 61वें साल में कदम रख रहे हैं। जशपुर यूं तो खुद ही छोटा सा जिला है, उसी छोटे से जिले के एक छोटे से गांव बगिया से निकलकर कोई शख्श छत्तीसगढ़ की राजनीतिक आसमान का चमकता सितारा बन जायेगा, ये किसी ने सोचा नहीं होगा। पर, वो कहते हैं जिनके मन में सेवा, संयम और सद्भाव का भाव हो, उसे सियासत का सिकंदर बनने से कोई नहीं रोक सकता। विरासत में मिली सियासत की सीख को विष्णुदेव साय ने जीवन में बखूबी उतारा है।
आइये जानते हैं मुख्यमंत्री से जुड़े कुछ अनछुए किस्से…
पंच से मुख्यमंत्री तक का सफर
स्वर्गीय राम प्रसाद साय और जसमनी देवी साय के घर विष्णुदेव साय का जन्म 21 फरवरी 1964 को हुआ। विष्णुदेव साय का विवाह 27 मई 1991 को श्रीमती कौशल्या देवी साय से हुआ। उनके एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले के कुनकुरी से अपनी हायर सेकेण्डरी की शिक्षा ली। अविभाजित मध्यप्रदेश में सन् 1989 में बगिया ग्राम पंचायत के पंच के रूप में अपने राजनीतिक जीवन शुरुआत की। विष्णुदेव साय सन् 1990 में ग्राम पंचायत बगिया के निर्विरोध सरपंच चुने गए। साय सन् 1990 में पहली बार तपकरा विधानसभा से विधायक बने । श्री विष्णुदेव साय 1990 से 98 तक तत्कालिन मध्यप्रदेश के विधानसभा तपकरा से दो बार विधायक रहे । विष्णुदेव साय सन् 1999 से लगातार रायगढ़ से 4 बार सांसद चुने गए। उन्होंने लोकसभा क्षेत्र रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से सन् 1999 में 13वीं लोकसभा, 2004 में 14वीं लोकसभा, सन् 2009 में 15वीं लोकसभा और 2014 में 16वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में उल्लेखनीय कार्य किए। विष्णुदेव साय ने 27 मई 2014 से 2019 तक केन्द्रीय राज्य मंत्री के रूप में इस्पात, खान, श्रम व रोजगार मंत्रालय का प्रभार संभाला।
परिवार के राजनीतिक अनुभव का लाभ मिला
सीएम साय की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक रही है, उनके दादाजी और परिवार के कई सदस्य राजनीति से जुड़े रहे हैं, उन्हें राजनीति विरासत में मिली है, सीएम विष्णुदेव साय मूलत: किसान परिवार से है, लेकिन उनके परिवार के राजनीतिक अनुभव का लाभ उन्हें मिला। उनके बड़े पिताजी स्वर्गीय नरहरि प्रसाद साय, स्वर्गीय श्री केदारनाथ साय लंबे समय से राजनीति में रहे। स्वर्गीय श्री नरहरि प्रसाद लैलूंगा और बगीचा से विधायक और बाद में सांसद चुने गए। केंद्र में संचार राज्यमंत्री के रूप में भी उन्होंने काम किया। स्वर्गीय केदारनाथ साय तपकरा से विधायक रहे। विष्णुदेव साय के दादा स्वर्गीय बुधनाथ साय भी सन् 1947-1952 तक विधायक रहे। विष्णुदेव साय ने भाजपा के काद्यावर नेता स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के सानिध्य में राजनीति की A, B, C, D सीखी थी और अब वे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के पद तक पहुंचे हैं।
जब कभी विरासत को सहेजने की बात होती है तो ऐसे में साय जी ने उस विरासत को एक नया विस्तार दिया, वह चर्चा में अक्सर कहते हैं कि प्रभु श्री राम की कृपा से ही सदैव उन्हें समाज के लिए ‘रामकाज’ करने का अवसर मिला। वास्तव में रामकाज समाज में सभी व्यक्तियों को साथ लेकर आपसी सामंजस्य भाईचारा शांति के साथ जीवन को एक नई ऊंचाई देने का नाम है। ’रामकाज’ के पथ पर आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री कहते हैं कि वह प्रभु श्री राम को आदर्श मानते हैं, जैसे श्रीराम ने शांति की स्थापना के लिए राक्षसी संस्कृति को समाप्त किया, वैसे ही उनकी सरकार छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
पिता के निधन के बाद परिवार का बने सहारा
मुख्यमंत्री विष्णदेव साय ने संघर्ष में अपना और परिवार का सहारा बनने का काम किया है। कक्षा चौथी में पढ़ाई के दौरान ही विष्णुदेव साय के सर से पिता रामप्रसाद साय का साया उनके सिर से उठ गया था। मां जसमणी देवी और तीन छोटे भाई ओमप्रकाश साय, जय प्रकाश साय, विनोद साय के साथ परिवार के सामने सभी परेशानियां खड़ी हो गई थीं। आर्थिक संकट से जूझते हुए अपने ग्राम बगिया के स्कूल से कक्षा पांचवी तक की पढ़ाई पूरी की और मिडिल स्कूल की पढ़ाई के लिए वह जशपुर जिले के कुनकुरी चले गए। यहां एक कच्चे मकान के छोटे से कमरे में रहकर 11वीं की पढ़ाई पूरी की। खेती किसानी और पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण उन्होंने हायर सेकेंडरी के आगे पढ़ाई नहीं की। विष्णुदेव साय के तीन छोटे भाई ओम प्रकाश साय जो बगिया में सरपंच थे और जय प्रकाश साय भेल में मुंबई में इंजीनियर है, वही सबसे छोटे विनोद साय रायपुर में विद्युत विभाग में इंजीनियर है।
मां प्यार से मुख्यमंत्री को बाबू कहकर बुलाती है
श्री साय की मां जसमनी देवी ने कहा मेरे बेटे बाबू (विष्णु देव का निकनेम) ने सबसे पहले परिवार की सेवा की, फिर गांव की सेवा की, विधायक, सांसद, मंत्री रहकर क्षेत्र की सेवा की, अब मुख्यमंत्री बनकर राज्य की सेवा करेगा।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जंगली जड़ी-बूटियों के अच्छे जानकार हैं। वह पथरी की अचूक दवा देते हैं। उनके कई लाभार्थी उनकी दवा की प्रशंसा करते हैं। श्री साय ने जनजाति समाज के विकास के लिए काम किया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय खेती किसानी में बहुत रुचि रखते हैं। नदी के तट पर अपने घर में वह सब्जियां उगाते हैं। कोरोना काल में वह गांव में सब्जी उगाते रहे और अन्य किसानों को भी प्रेरित करते रहे। उन्होंने मैनी नदी पर पुल बनवाया। नदी की रेत में खीरा, ककड़ी, मूंगफली आदि की खेती के लिए गांव के किसानों को प्रेरित किया। उनके प्रयासों से गांव में कृषि के क्षेत्र में उन्नति हुई है।
मां को यकीन था बेटा जरूर बड़ा आदमी बनेगा
बचपन में भी वे उतने ही शांत स्वभाव और अच्छे व्यवहार के थे, जितने अब हैं। घर में खाने पर जो मिल जाए, उसे उतने ही चाव से खा लेते थे। खाने पीने को लेकर भी कभी कोई विशेष रुचि नहीं थी. यह कहना है छत्तीसगढ़ के नवनियुक्त मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मां जसमनी देवी का. विष्णु देव साय मां जसमनी देवी ने बताया कि विष्णु देव साय का स्वभाव बचपन से ही बेहद विनम्र था. हायर सेकेंडरी की पढ़ाई के बाद ही उनकी रुचि राजनीति के माध्यम से लोगों की सेवा करने की ओर ऐसा मुड़ी की फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। विष्णुदेव साय को जो मिल गया उसे वो सहजता से स्वीकार कर लेता है. उनके इसी गुण के चलते उनकी मां को आभास था कि, एक न एक दिन उनका बेटा जरूर बड़ा आदमी बनेगा।
एक बार मुख्यमंत्री जी ने चर्चा में बताया था कि जब उनका जन्म हुआ उस समय जो पुरोहित आए थे उन्होंने नामकरण संस्कार में उनकी माता जी को कहा था कि यह बालक समाज में अपनी विशिष्ट पहचान और स्थान रखेगा. आज भी उनकी माताजी इस बात को बताते हुए रोमांचित हो उठती हैं और वह बात सही भी साबित हो रही है.
हर वर्ग की समस्याओं को दूर कर रहे सीएम साय
छत्तीसगढ़ के मुखिया के तौर पर वह हर वर्ग तक पहुंच पाने में उनकी समस्या को दूर करने में सफल हो रहे हैं। वह पूरे प्रदेश को अपना परिवार मानते हुए कार्य कर रहे हैं। राजनेताओं पर जब चर्चा होती तो हमेशा ‘अंदर कुछ और बाहर कुछ’ की चर्चा होती है। ऐसे में साय जी जैसा व्यक्तित्व आज की राजनीति में है, जो अपने निश्छल स्वभाव से ‘अंदर और बाहर’ एक जैसे विचार के साथ राजनीति को नया आयाम दे रहे हैं।
जन-जन के दिलों पर राज करने वाले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
जन-जन के दिलों पर राज करने वाले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज अपनी लोकप्रियता के शिखर पर हैं। विष्णुदेव साय की सहृदयता और दूरगामी योजनाओं से प्रदेश बहुत तेजी से प्रगति की राह पर अग्रसर हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार करने वाले और उनके वादों को पूरा करने वाले छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की विश्वसनीयता और प्रभा मंडल से भाजपा को हाल ही में नगरीय निकाय और नगर पालिका चुनाव में ऐतिहासिक जनादेश मिला है। निसंदेह प्रदेश में अब ट्रिपल इंजन की सरकार से सर्वांगीण विकास होगा।