लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’ का शुभारंभ कर दिया है। इसके जरिए 1.25 करोड़ मजदूरों को रोजगार दिया जाएगा। पीएम मोदी ने रिमोट चलाकर ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’ का शुभारंभ किया।
बता दें कि लॉकडाउन की वजह से करोड़ों मजदूर अपने घरों को वापस लौट आए हैं। ऐसे अब यूपी सरकार की ओर से सूबे वापस लौटे मजदूरों को यहां ही काम दिया जा रहा है। इस मौके पर पीएम ने उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से बात भी की। लाभार्थियों से बात करने के दौरान पीएम मोदी एक सामान्य व्यक्ति की तरह दोस्ताना तरीके से पेश आए।
बहराइच के तिलकराम से पीएम ने बात की। पीएम आवास योजना की मदद से मकान बनवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले वह झोपड़ी में रहते थे। वहां बहुत दिक्कत होती थी। तिलकराम खेती-बाड़ी का काम करते हैं। पीएम ने उनसे पूछा, आपको प्रधानमंत्री आवास मिला, पीएम को आप क्या देंगे?
तिलकराम ने कहा, आप सारी जिंदगी प्रधानमंत्री रहें। पीएम ने कहा कुछ देने की बात बोलो ना। फिर बोले, मैं मांगता हूं। बच्चों को जितना पढ़ना है पढ़ाएं। हर साल चिट्ठी लिखकर बताना कि बच्चों को कितने नंबर मिले। तुम्हे वादा पूरा करना है। हमने आपको आवास दिया। अब आप देश की भलाई के लिए बच्चों को पढ़ाएं।
सिद्धार्थनगर से वापस लौटे प्रवासी मजदूर कुर्बान अली पीएम मोदी से बात की। उन्होंने बताया कि वह मुंबई में राजमिस्त्री का काम करते थे। लॉकडाउन में वापस लौटकर आए। घर वापस लौटने पर राशन सामग्री दी गई और 1,000 रुपये की राशि की मदद भी मिली।
गांव में काम भी मिला। गांव वापस आने के बाद 21 दिन क्वारंटीन में रहा। अब शौचालय निर्माण में राजमिस्त्री का काम दिलाया गया है। हमारी ट्रेनिंग भी शुरू हो गई है। हमें सर्टिफिकेट भी मिला। पीएम ने उन्हें कहा कि खूब मेहनत करो और आगे बढ़ो।
अहमदाबाद से गोरखपुर वापस लौटे नागेंद्र ने पीएम से बात की। जैसे ही उन्होंने बताया कि वह अहमदाबाद के राजीव नगर में रहते थे। तो पीएम ने हंसकर नागेंद्र से कहा, आप योगी जी के गांव के हैं और मेरे गांव में रह रहे थे, नागेंद्र ने बाताया कि वह वहां स्टील बर्तन का काम करते थे। लॉकडाउन में कंपनी बंद हो गई, वह वापस आ गए। बैंक से एक लाख रुपये डेयरी के लिए लोन लिया।
पीएम ने कहा कि लोगों को आपसे सीखना चाहिए कि आपत्ति को अवसर में बदल दिया। पीएम ने उन्हें कहा कि भारत सरकार ने 13 हजार करोड़ रुपये खर्च करके टीकाकरण करवाया है। सबसे पहले पशुओं का टीकाकरण करवाएं। पशु पालकों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड निकाला है। वह लीजिए और आगे का कर्ज लेकर डेयरी का काम बढ़ाइए। मल मूत्र से फर्टिलाइजर बनाकर बेचें।
इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि करीब सवा करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा। 2 लाख 68 हजार एमएसएमई इकाइयों को 6556 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया गया है। पीएम मोदी ने वैश्विक महामारी के दौरान समयबद्ध ढंग से फैसला लिया गया।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 30 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक-कामगार वापस आए हैं। राज्य के 31 जिलों में वापस लौटने वाले श्रमिकों-कामगारों की संख्या 25,000 से अधिक रही। इनमें पांच तेजी से उभरते हुए जिले भी शामिल हैं। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र की तर्ज पर आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान के रूप में एक पहल की।
इसमें राज्य सरकार के साथ ही उद्योग जगत और अन्य संस्थाओं की भी भागीदारी है। इस अभियान का लक्ष्य रोजगार प्रदान करने, स्थानीय स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए औद्योगिक संगठनों और अन्य संस्थानों को एक साथ जोड़ना है।