लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस की एक टीम पर बदमाशों ने अंधाधुन गोलियां चला दीं, जिसमें डीएसपी देवेंद्र मिश्रा और थाना प्रभारी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। पुलिस की यह टीम हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए गई थी।
इलाके के डीएम ने बताया कि पुलिस की इस टीम में एक सीओ, एक एसओ, 2 एसआई और 4 जवान शहीद हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर शोक जताया है। सीएम ने डीजीपी एचसी अवस्थी को अपराधियों के खिलाफ कड़े ऐक्शन लेने के निर्देश दिए हैं, उन्होंने इस घटना की रिपोर्ट भी मांगी है।
जानकारी के मुताबिक, विकास दुबे एक शातिर अपराधी और कानपूर का हिस्ट्रीशीटर भी हैं। इसके ऊपर 60 मुकदमे दर्ज हैं। कानपुर के राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने 307 का एक मुकदमा इसके ऊपर दर्ज कराया है। इस पर दबिश डालने के लिए बिकरु गांव में पुलिस दबिश के लिए गई थी।
पुलिस को रोकने के लिए इन्होंने पहले से ही जेसीबी लगाकर के रास्ता रोक रखा था। पुलिस टीम के पहुंचते ही बदमाशों ने छतों से पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें पुलिस के 8 लोग शहीद हो गए।
एसएसपी और आईजी मौके पर पहुंचे चुके हैं। कानपूर की फोरेंसिक टीम जांच कर रही है। लखनऊ से भी एक फोरेंसिक टीम बुलाई गई है। मामले की जांच के लिए एसटीएफ भी लगी दी गई है। मुठभेड़ के दौरान बिठूर थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह समेत 6 पुलिसकर्मियों को गोली लगी। इनका इलाज रीजेंसी हॉस्पिटल में चल रहा है।