हाल ही में जो भारतीय सेना के पुर्नगठन एवं आधुनिकीकरण को लेकर शेकटकर समिति को सरकार द्वारा जो मंजुरी दी गयी हैं वह हमारे देश के सुरक्षा बल को कितना बढ़ायेगी यह बात विचारणीय हैं। इस समिति का मुख्य कथन टुथ टु टेल अर्थात् लड़ाई के मैदान में लड़ने वाला और लड़ाई लड़ने वालों की मदद करने वालाा।
यह आर्मी भाषा में दी गई हैं, जो हम तक टुथ टु टेल के रूप में पहुँची हैं। 2015 में जो तत्कालाीन मंत्री मनोहर द्वारा जो निर्णय लिये गये थे वह भी विचारणीय हैं। उस समय सेना के रिटायर्ड डी.बी. शेकटकर द्वारा 99 सुझाव दिये गये थे जिनमें केवल 65 को ही मंजुरी मिली थी
इस समय समिति की मुख्य सिफारिशे हैं,थल सेना को ही अधिक शक्तिशाली किया जायें क्योंकि पाकिस्तान एवं चीन के खिलाफ ज्यादा सेना बल थल सेना का ही तेनात होता हैं। और नौसेना एवं वायुसेना को थलसेना में तबदील कर देना चाहिए।
थल सेना कि यह सिफारिश नौसेना और वायुसेना को अपने में मिलाने की हैं,लेकिन उन्होनें शायद यह विचार नहीं किया कि यह नौसेना और वायुसेना की समाप्ति भी हैं। यह तो वो बात हो गई कि घर के एक कमरें को जगमगाने के लिए बाकी जगह अँधेरा करना।
लेकिन उनमें सैन्य शक्ति को बढ़ाने के लिए जो कार्य किये जायेगें वे सराहनीय होने चाहिए क्योंकि लागत में करोडों की बचत कराएगें जैसे रिटार्यड को ट्रेंनिग के लिये बुलवाना तथा NCC के केनडिडेंन्टस को थलसेना में ज्वाइन करवाना। इससे अन्य कर्मचारियों को रोजगार भी मिलेगा।
लेखिका – रजनी शर्मा
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