यांगून। रोहिंग्या संकट की रिपोर्टिग के दौरान ‘स्टेट सीक्रेट एक्ट’ का उल्लंघन करने के आरोप में सोमवार को रॉयटर्स के दो पत्रकारों को सात साल जेल की सजा सुनाई गई। इसे मीडिया की स्वतंत्रता पर एक हमले के तौर पर देखा जा रहा है। इस मामले में संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार सरकार से दोनों पत्रकारों को जेल से रिहा करने की अपील की है।
रॉयटर्स ने पत्रकारों को मिली सजा की कड़ी आलोचना करते हुए उनके तत्काल रिहाई की मांग की। म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधि ने भी इस घटना को निंदनीय बताते हुए इसे प्रेस की आजादी पर आघात बताया है। दुनिया भर में अभिव्यक्ति की आजदी के समर्थकों ने इस घटना की निंदा की है।