लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मदरसों में आधुनिक शिक्षा की बात करते हुए कहा कि हम मदरसों के आधुनिकीकरण की तरफ ध्यान दे सकते हैं। मदरसों को बंद करना किसी समस्या का समाधान नहीं है,बल्कि समय के साथ हम उनमें व्यापक सुधार कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र सरकार की योजनाओं को बिना किसी भेदभाव के, हर व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
कोई उपेक्षित न हो, भेदभाव का शिकार न हो। मुख्यमंत्री ने यह बातें गुरुवार विधानसभा के तिलक हॉल में आयोजित यूपी समेत उत्तर भारत के नौ राज्यों के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रियों व अधिकारियों की विकास समन्वय बैठक के उद्घाटन अवसर पर कहीं। सीएम योगी ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय पर बेहद अहम जिम्मेदारी है। अगर हमारे शरीर का कोई अंग काम करना बंद करता है तो हमें दिव्यांग कहा जाता है।
अगर समाज में किसी व्यक्ति के साथ भेदभाव होता है तो वो अपने आपको उपेक्षित महसूस करता है। हमें ध्यान रखना है कि कोई व्यक्ति अराजकता का शिकार न हो और वह अपने समाज के साथ मिलकर इस राष्ट्र को सशक्त बनाने और एक भारत-श्रेष्ठ भारत की संकल्पना में अपना योगदान दे सके। योगी ने कहा कि मदरसों की तालीम के साथ विज्ञान और कम्प्यूटर की शिक्षा भी जोड़नी होगी, तभी उस शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों के सामने बेहतर भविष्य की राह दिखेगी।।
मैं तो संस्कृत विद्यालयों से भी कहता हूं कि वे परंपरागत शिक्षा जरूर लें, लेकिन प्रतिस्पर्धा में बने रहना है तो उसके साथ अंग्रेजी, विज्ञान, गणित और कम्प्यूटर का भी ज्ञान होना चाहिए। उत्तर क्षेत्र समन्वय समिति की बैठक में केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, बिहार, दिल्ली, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़ व हिमाचल प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री व अधिकारी शामिल हुए। साथ ही राज्यों के अल्पसंख्यक आयोग, वक्फ काउंसिल व राज्य हज समिति के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।