चेन्नई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दक्षिण भारत के तीन राज्यों आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के दौरे में सबसे पहले गुंटूर पहुंचे। यहां कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। मोदी ने रैली में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल होने पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि तेदेपा प्रमुख दल बदलने में सीनियर हैं, उन्होंने तो अपने ससुर एनटीआर की पीठ में भी छुरा खोंपा था।
मोदी ने कहा,”आंध्र के लोगों जाग जाइए। ये (नायडू) कल फोटो खिंचवाने के लिए बड़ा हुजूम लेकर दिल्ली जाने वाले हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं के पैसे से यह कार्यक्रम कर रही है। लेकिन वो आंध्र की जनता की तिजोरी से पैसे निकाल कर जा रहे हैं। आंध्र की जनता को उनसे इसका हिसाब लेना चाहिए। मेरा आग्रह होगा कि दिल्ली आने से पहले, मुझे गालियां देने से पहले, आप आंध्र के लोगों के अपने पैसे खर्च का हिसाब देकर आएं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”तेदेपा के लोगों ने यहां आने पर मोदी गो बैक कहा है। मुझे देश के करोड़ों लोगों पर पूरा भरोसा है कि वे तेदेपा की इच्छा पूरी करेंगे और मुझे दोबारा दिल्ली की सरकार में पहुंचाएंगे। हम अमरावती से कोलावती तक वेल्थ क्रिएशन में लगे हैं। नायडू चौकीदार से परेशान हैं। उनकी जमीन खिसक चुकी है। केंद्र सरकार ने आंध्र के विकास में कोई कमी नहीं छोड़ी। लेकिन जो पैसा आया यहां की सरकार ने आपको बताया नहीं, उस पैसे का इस्तेमाल नहीं किया। जब प्रदेश का बंटवारा हुआ तो केंद्र में कांग्रेस सरकार थी। तब कांग्रेस ने सिर्फ अपना भला देखा। आज चंद्रबाबू ने उसी कांग्रेस के सामने सरेंडर कर दिया।”
मोदी ने कहा, हमने आंध्रप्रदेश के लिए स्पेशल पैकेज बनाया। हमने कोशिश थी कि राज्य को उतना जरूर मिले जितना स्पेशल स्टेटस वाले राज्यों की जरूरत है। इस पैकेज को सितंबर 2016 में लागू कर दिया। खुद नायडू ने इस पैकेज पर शुक्रिया अदा किया था। हम पूरी ईमानदारी से अपना वादा निभाने में लगे थे। लेकिन उस पैकेज का इस्तेमाल करने में नाकाम तेदेपा सरकार ने यू टर्न ले लिया। बाबूगार सनराइज (सूर्योदय) का वादा कर सरकार में आए थे, लेकिन अपने बेटे का उदय करने में लग गए।
‘पिछले कुछ महीनों में नायडू जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। लगता है कि उन्होंने मोदी के लिए गालियां रिजर्व कर ली हैं। क्या आंध्र की संस्कृति पर चोट करने का आपको अधिकार है। अरे बाबूगार कई महीनों से आप बोल रहे थे। मैंने अपने मुंह पर ताला लगाकर रखा था। लेकिन यह आंध्र की जनता है जिसने आपको जवाब दिया। आज मुझे आशीर्वाद देने जनसैलाब आया है। बाप-बेटे की सरकार जाना तय है। हमारी परंपरा है कि जब कोई शुभ काम होता है तो घर के मुखिया को काला टीका लगा देते हैं। आज आपने काले गुब्बारे दिखाकर जो किया है उसके लिए शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।